पुरातन चंद्रावती सभ्यता को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाना आवश्यक - सांसद डाँगी

 पुरातन चंद्रावती सभ्यता को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाना आवश्यक - सांसद डाँगी



आबूरोड। राज्यसभा सांसद नीरज डांगी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर पुरातन वैभवशाली चंद्रावती सभ्यता का पर्यटन की दृष्टि से समग्र विकास करने हेतु आगामी बजट में प्रावधान करने का सुझाव दिया है। राज्यसभा सांसद नीरज डाँगी ने बताया कि सिरोही जिले के आबूरोड के निकट चन्द्रावती ग्राम में चन्द्रावती नाम की छठी से नवीं शताब्दी के मध्य के एक प्राचीन शहर के अवशेष है। चन्द्रावती सभ्यता की खोज वर्ष 1922 में जाने-माने इतिहासकार कर्नल टॉड द्वारा की गई थी। उन्होंने बताया कि उत्खनन से स्पष्ट हुआ है कि चन्द्रावती के अवशेषों के नीचे एक अन्य प्राचीन बस्ती के अवशेष भी है। उपलब्ध पुरातात्विक अवशेषों के आधार पर यह बस्ती छठी से नवीं शताब्दी के बीच की हो सकती है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अपनी शहादत से करीब 3 महीने पहले 8 जुलाई 1984 के दिन चंद्रावती सभ्यता को देखने के लिए यहां पर आई थी। उन्होंने यहां पर तकरीबन 3-4 घंटे का समय व्यतीत किया था। इस सभ्यता को देखकर वे बहुत अभिभूत हुई थी और उन्होंने राजस्थान के तत्कालीन राज्यपाल ओपी मेहरा और मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर को यह आदेशित किया था कि वह इस सभ्यता को ज्यादा से ज्यादा पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करें। इस पुरातन वैभवशाली चंद्रावती सभ्यता के अवशेष आबूरोड के समीप चंद्रावती ग्राम में उपलब्ध है। यद्यपि इस स्थल के विकास के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के शासन में एक संग्रहालय का निर्माण किया गया है। इस स्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने से पर्यटन की असीम संभावनाएं है। सांसद ने आग्रह किया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की इच्छा अनुसार इस स्थल को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए समग्र विकास हेतु आगामी बजट में प्रावधान कर इस क्षेत्र का विकास किया जावे, जिससे पर्यटन के साथ-साथ क्षेत्र के लोगो को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सके।

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