प्रेरक वयक्तित्व लच्छीराम जी चूड़ीवाला की समाधी पर किया वस्त्र एवं अन्नदान*
*जननी जने तो ऐसा जने के दाता के सुर नी तो रिजे बांझडी, मत ना गवा जे नूर*
*प्रेरक वयक्तित्व लच्छीराम जी चूड़ीवाला की समाधी पर किया वस्त्र एवं अन्नदान*
*लक्ष्मणगढ़।नगर के ऐतिहासिक *रामलीला मैदान* के उत्तर में स्थित दानवीर सेठ *स्व श्री लच्छीराम जी चूड़ीवाला के समाधी स्थल पर* श्री ऋषिकुल विद्यापीठ के तत्वावधान में जरूरतमंद लोगों को वस्त्र एवं अन्नदान किया गया।समाधी के पूर्णोद्धार एवं विकोसोन्मुखी कार्यों के तहत विद्यापीठ ने इस अभिनव कार्य किया जा रहा है *कार्यक्रम संयोजक राजेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि जीवन सफल के साथ साथ संतोषजनक भी होना चाहिए और संतोषी जीवन और दानवीरता के पर्याय सेठ जी की समाधी पर यह कार्य प्रत्येक माह की अमावस्या तिथि को किया जाता है*।ऋषिकुल स्कूल की *विभागाध्यक्ष सीमा शर्मा ने बताया कि स्व. लच्छीराम जी को इन्होंने देखा तो नहीं है लेकिन सुनते आए हैं कि परिवार समाज को देखने का इनका निस्वार्थ नजरिया होता था।इस दायित्व को हमें साहस के साथ निभाना होगा* ताकि समाज के हर घटक को सही धारा में जोड़ने की कल्पना साकार हो।
*ऋषिकुल स्कूल की मोंटेसरी इकाई प्रभारी संजना शर्मा ने ने कहा कि आदमी को यदि ऊंचाइयों को छूना है तो उसकी सोच भी ऊंची होना जरूरी है।उन्होंने बताया कि वर्तमान स्थिति को बदलने और जरूरतमंद और निसहाय की सेवा से ही नए स्वर्णिम विकोसोन्मुखी गतिविधियों का संचार होगा।कर्मठता के धनी व्यक्ति रहे चूड़ीवाला जी के जीवन संघर्ष एवं सफलता की कहानी देश की युवा पीढ़ी को सपने देखने एवं महत्वाकांक्षा रखने की प्रेरणा देती है।इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यापीठ का उद्देश्य है कि नगर के अंतिम छोर पर बैठे जरूरतमंद लोगों के लिए एक खुशी का दीपक जलाएं*।इस अवसर पर संस्था की सीमा शर्मा, राजेंद्र कुमार शर्मा,संजना शर्मा, चांदनी शर्मा, प्रवीण दाधीच, प्रभु दयाल बगड़िया, ज्योत्सना पांडे, श्रीराम बाटू, बनवारीलाल मील सहित श्री ऋषिकुल विद्यापीठ का संपूर्ण स्टाफ उपस्थित रहा।
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