कुशलगढ़ अपने वह परिवार के पेट के खातिर जान जोखिम में डालकर रस्सी पर नाचती हुई नन्ही बालिका*
*कुशलगढ़ अपने वह परिवार के पेट के खातिर जान जोखिम में डालकर रस्सी पर नाचती हुई नन्ही बालिका*
*ललित गोलेछा ब्यूरो चीफ की रिपोर्ट*
*एक और हम अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देकर उसे योग्य बनाने के लिए सब जतन करते हैं लेकिन आज हमें बड़ा सोचने के लिए मजबूर कर दिया*
करतब दिखाकर ही नन्ही बालिका को देखकर सोचने के लिए मजबूर कर देता है
सरकार भले ही मासूम बच्चों को शत-प्रतिशत स्कूल भेजने और उनके निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था कर रही है
पर चांद में दौड़ लगा रहे हैं भारत में आज भी ऐसे मासूम बच्चे हैं जो पढ़ना तो दूर अपने जीवन से खिलवाड़ कर
अपने परिवार व दो वक्त की रोटी के लिए जान जोखिम में डालने वाला करतब दिखा रहे एक रस्सी पर पैदल चलती हुई नन्ही बालिका
विभिन्न प्रकार की करतब दिखाकर जान जोखिम में डालकर करतब दिखाने वाली नन्ही सी के भाई सोनू ने बताया कि छोटी बहन जो करतब दिखा रही हैं
*सविता 9 वर्षीय बालिका पिता बेताब नट निवासी छत्तीसगढ़*
हमने देखा कि आज भी ऐसे मासूम बच्चे हैं जो पढ़ना तो दूर अपने जीवन से खिलवाड़ कर दो वक्त की रोटी के लिए करतब दिखा रहे हैं
नगर के थांदला मार्ग के पास 8 फीट ऊंची दोनों छोर से बंधी हुई रस्सी पर पैदल वह साइकिल के पहिए पर चलती नन्ही बालिका सविता नट करतब दिखा रही थी
एक तरफ गाना बजता सुनकर और बालिका के करतब देखकर राहगीर रुक जाते हैं
बालिका द्वारा दिखाया जाए करतब को देखकर हैरत में पड़ जाते हैं
जब हमने देखा कि बालिका करतब दिखा रही है
हाथ में एक लंबा सा डंडा वह रस्सी पर पैदल चलती हुई साइकिल के पहिए को लेकर उस पर चलाती हुई करतब दिखा रही थी लोग खुश होकर पैसे दे रहे थे
*जब हमने बच्ची के बड़े भाई सोनू नेट से पूछा कि उसने बताया कि हमारे परिवार के जीविका साधन यही है* छोटी बहन सविता 9 वर्ष की है उसने कभी स्कूल नहीं देखा एक छोर रस्सी के बंदे बांस के पास माता बैठी हुई सविता ,को देख रही थी
सोनू नट ने बताया कि हमारे परिवार छत्तीसगढ़ से अन्य प्रांतों शहर और कस्बों में इस प्रकार करतब दिखाते हुए कुशलगढ़ हम आए हैं
छत्तीसगढ़ से आई इस बालिका पैसे कमाने के लिए गिरने का डर पीछे छोड़ दीया है लेकिन बच्ची के भविष्य खिलवाड़ बेखबर भाई कहता है कि कई बार गिर चुकी लेकिन पेट के खातिर ऐसा करना मजबूरी है हर रोज पैसे मिल जाते हैं कभी 200 से ₹500 कभी इससे अधिक भी मिल पाता है ऐसे में परिवार का पालन पोषण हम करवाते हैं
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