स्वामी टेऊं राम महाराज का अमरापुर आश्रम जहां से कोई भूखा नहीं जाता

 *स्वामी टेऊं राम महाराज का अमरापुर आश्रम जहां से कोई भूखा नहीं जाता


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भारत पाक विभाजन के पहले सिंध के महान संत स्वामी महाराज अपने शिष्य सर्वानंद के साथ धार्मिक यात्रा करते हुए जयपुर भी आए थे। 

बाद में स्वामी सर्वानंद ने एम आई रोड़ पर श्री प्रेम प्रकाश मंडल के अमरापुर आश्रम की स्थापना की । अब स्टेशन रोड से सिंधी कैंप को जोड़ने वाली पुलिया का नाम भी अमरपुरा सेतु हो गया है। 

पीड़ित मानव की सेवा  करने सतनाम साक्षी का प्रणाम मंत्र देने वाले स्वामी टेऊंराम सन 1885 में सिंध खंडू गांव में जन्मे थे।

आप 55 साल की उम्र में इन्होंने सिंध के प्रेम प्रकाश आश्रम में शरीर छोड़ा । बाबा टेऊंंराम के जयपुर अजमेर खैरथल हरिद्वार सहित देश में 100 से ज्यादा आश्रम जन सेवा केंद्र बने हुए हैं। 

अमरपुरा आश्रम में संतों के अलावा विष्णु स्वरूप झूलेलाल और मंडल के आराध्य इष्ट देव भगवान लक्ष्मी नारायण की पूजा होती है । अमरपुरा में स्वामी सर्वानंद के बाद स्वामी शांति प्रकाश एवं हरिदास महाराज ने गद्दी संभाली। वर्तमान पीठाधीश्वर स्वामी भगत प्रकाश महाराज है। विभाजन के बाद स्वामी सर्वानंद के साथ सेंड से आए स्वामी जीवन मुक्त ने खैरथल में और स्वामी ब्रह्मानंद ने अजमेर में मंडल की स्थापना की। 

स्वामी सर्वानंद के खानदान में अवधूत टेक चंद ,संत बसर राम ,तीर्थ दास और बिशन दास जैसे प्रसिद्ध संत हुए ।  सर्वानंद महाराज ने हरिद्वार में हिमालय में साधना की और गुरुदेव राम जी महाराज के पदों की रचना की । ब्रह्मलीन स्वामी सर्वानंद की स्मृति में हरिद्वार में  सर्वानंद घाट बना है सर्वानंद के साथ सिंध से आए स्वामी जीवन मुक्त ने खैरथल में व स्वामी ब्रह्मानंद ने अजमेर में प्रेम प्रकाश मंडल स्थापित किया।अमरपुरा आश्रम में के बाहर सुबह से शाम तक भोजन परोसा जा रहा है। 

बरसों से चल रही चल रहे गुरु के लंगर में करीब तीन क्विंटल चावल की खपत होती है गरमा गरम भोजन प्रसादी को लेकर अपना पेट भरने वालों की दिनभर भीड़  लगी रहती है। स्वामी मोनू राम ने बताया कि रोजाना करीब 8 ,, 10000 लोग पेट भरते हैं ।भोजन शाला में अनेक लोग अपनी सेवा देते हैं । बाजरे की रोटी और डोढ़ा चटनी के भोग का प्रसाद भी चढ़ता है।

सेवादार दीनदयाल वाधवानी के मुताबिक संभवत अमरपुरा ऐसा आश्रम है जहां से कोई भूखा प्यासा नहीं जाता ।। हर महीने 500 से ज्यादा विधवा महिलाओं व गरीबों को आटा दाल भी देते हैं।

रिपोर्टर वॉइस ऑफ़ मीडिया सीकर 

शिंभू सिंह शेखावत

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