15 उत्कृष्ट महिलाओं का किया सम्मान - शिक्षा से ही सशक्त होगी महिलाएं
15 उत्कृष्ट महिलाओं का किया सम्मान - शिक्षा से ही सशक्त होगी महिलाएं
महिलाएं लेखनी करती है तो वेदों की ऋचाएं देती है, जब तलवार हाथ मे लेती है तो धरा का मानचित्र ही बदत देती है - प्रो. सारंगदेवोत
धैर्य की जननी है महिलाए
उदयपुर संवाददाता विवेक अग्रवाल। अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय की ओर से शुक्रवार को प्रतापनगर स्थित कुलपति सचिवालय के सभागार में कुलपति कर्नल प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत, रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली, पीजी डीन प्रो. जीएम मेहता, परीक्षा नियंत्रक डॉ. पारस जैन, स्पोट्स बोर्ड सचिव डॉ. भवानीपाल सिंह राठौड़ ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 15 उत्कृष्ट महिलाओं का उपरणा शॉल, बुके एवं स्मृति चिन्ह् देकर सम्मानित किया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि अद्भुत संयोग है कि आज अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस और महाशिवरात्री का पावन पर्व एक साथ मनाया जा रहा है। मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान शिव का विवाह हुआ था , यानि शिव और शक्ति एक हुए थे। उन्होंने कहा कि महिलाएॅ जब लेखनी करती है तो वेदोें की ऋचाएॅ रच देती है और जब तलवार हाथ में लेती है तो धरा का मानचित्र ही बदल देती है। महिलाएॅ धैर्य की जननी है जो आधी आबादी का प्रतिनिधित्व करती है । इन्सपायर इन्क्युजन 2024 की थीम के तहत महिलाओं का सम्मान व अवसर बढ़ाने की जरूरत है। आजादी के पूर्व जब पर्दा प्रथा एवं सामाजिक कुरीतियॉ चरम पर थी, तब महिलाओं को घर से बाहर निकलने पर पाबंदी थी तब संस्थापक मनीषी पंडित नागर ने महिलाओं को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के उद्देश्य से चल पुस्तकालय की स्थापना की, जिसमें विद्यापीठ कार्यकर्ता सप्ताह में एक बार महिलाओं की पसंद की पुस्तक दे कर जाता और अगले सप्ताह वह पुस्तक लेकर दूसरी पुस्तक देकर आता था। उन्होंने कहा कि महिलाओ को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। महिलाओं ने अपनी काबिलियत के दम पर हर क्षेत्र में अपना परचम फहराया है। उन्होंने कहा कि बेटियॉ भगवान का दिया हुआ बहुमूल्य उपहार है। बेटियों को भी उडान भरने का अधिकार देना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाए शिक्षित होगी तभी सशक्त बनेगी, साथ ही अपने परिवार को शिक्षित व सशक्त बनायेगी। देश की 75 प्रतिशत महिला गांवों में निवास करती है जिनको कानूनी अधिकारों का पता ही नहीं होता है तथा जानकारी के अभाव में वह कुछ नहीं कर पाती। उन्होने कहा कि महिला शिक्षा से लेकर खेलकूद और विभिन्न प्रतिष्ठित प्रतियोगी परिक्षाओं में बेटियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है आज महिलाए जिंदगी के हर क्षेत्र में सक्रिय है चाहे वह राजनीति का क्षेत्र हो या फिर शिक्षा, कला, संस्कृति , आईटी, विज्ञान, स्वास्थ, मिडिया के क्षेत्र में अपनी सफलता के झण्डे गाडे हैं, सेना में भी अपनी उपस्थित दर्ज करवाई है। लेकिन अब भी समाज में महिलाओं के काम का सही मूल्यांकन नही किया जाता है।
इनका हुआ सम्मान:-
निजी सचिव केके कुमावत ने बताया कि इस अवसर पर शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यो के लिए डॉ. सपना श्रीमाली, डॉ. गुणबाला आमेटा, डॉ. अपर्णा श्रीवास्तव, डॉ. मंगलश्री दुलावत, डॉ. योगिता श्रीमाली, डॉ. दीप्ति सोनी, डॉ. रेखा कुमावत, डॉ. सीमा धाबाई, डॉ. नीति पालीवाल, डॉ. शहनाज पठान, डॉ. अलका कुमारी, डॉ. प्रिति अग्रवाल, डॉ. प्रतिभा शर्मा, डॉ. प्रेरणा भाटी, डॉ. विनिता श्रीमाली का सम्मान किया गया।
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