पौष्टिक रामदाना लड्डू ने बच्चों के चेहरों पर लाई मुस्कान
*पौष्टिक रामदाना लड्डू ने बच्चों के चेहरों पर लाई मुस्कान
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*अक्षय पात्र फाउण्डेशन ने 1.30 लाख छात्रों तक पहुँचाया पोषण का उपहार’’*
मथुरा/ उदयपुर संवाददाता जनतंत्र की आवाज विवेक अग्रवाल। गुरुवार का दिन मथुरा जनपद के परीषदीय विद्यालयों में अध्ययन करने वाले बच्चों के लिए बेहद खास रहा, जब अक्षय पात्र फाउण्डेशन द्वारा विशेष रूप से तैयार किए गए पौष्टिक रामदाना (अमरनाथ) लड्डुओं का बड़े पैमाने पर वितरण किया गया।
लड्डू प्राप्त कर बच्चों के चेहरे पर खिली खुशी ने विद्यालय परिसर को उल्लास से भर दिया।
शासन के सप्लिमेंट्री न्यूट्रिशन कार्यक्रम के अन्तर्गत अक्षय पात्र फाउण्डेशन के द्वारा आज मथुरा जनपद के कुल 1,666 परीषदीय विद्यालयों में नामांकित लगभग 1 लाख 30 हजार छात्रों के लिए पौष्टिक लड्डू भेजे गए। संस्था के ऑपरेशन हेड श्री अमित झा ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकारके द्वारा परिषदीय विद्यालयों में अधययन रत विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशन कार्यक्रम के तहत मार्च माह तक प्रत्येक गुरुवार को मध्यान्ह भोजन के अतिरिक्त न्यूट्रिशन युक्त खाद्य पदार्थ का वितरण किया जाना है। इस शृंखला में आज प्रथम दिन रामदाना लड्डू का वितरण किया गया है। संस्था द्वारा प्रत्येक गुरुवार को भिन्न भिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों का वितरण मार्च माह तक किया जायेगा। यह विशेष रूप से छात्रों के लिए पोषण स्तर बढ़ाने और उन्हें अतिरिक्त ऊर्जा प्रदान करने हेतु सहायक होगा।
श्री झा ने आगे बताया कि परीषदीय विद्यालयों के अधिकांश बच्चे ग्रामीण पृष्ठभूमि से आते हैं, जहाँ अनेक बार उन्हें संतुलित आहार उपलब्ध नहीं हो पाता। ऐसे में अक्षय पात्र फाउण्डेशन लगातार यह सुनिश्चित करने में जुटा है कि बच्चों को मध्याह्न भोजन के साथ-साथ अतिरिक्त पौष्टिक तत्व भी मिल सकें।
अक्षय पात्र फाउण्डेशन के प्रतिनिधि श्री जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि संस्था लंबे समय से सरकार के सहयोग से मध्याह्न भोजन योजना को सुदृढ़ करने के लिए कार्य कर रही है। वर्तमान में अक्षय पात्र देशभर के 16 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में अपनी सेवाएँ प्रदान कर रही है। संस्था के पास 78 अत्याधुनिक केन्द्रीयकृत रसोईघर हैं, जिनके माध्यम से प्रतिदिन लगभग 25 लाख बच्चों को स्वच्छ, गरम, पौष्टिक एवं स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराया जाता है।
उन्होंने बताया कि संस्था का उद्देश्य केवल भोजन उपलब्ध कराना ही नहीं है, बल्कि छात्रों में पठन-पाठन के प्रति रुचि बढ़ाना, स्कूल उपस्थिति में सुधार, तथा कुपोषण को कम करने में योगदान देना भी है। भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक रसोईघर में आधुनिक तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया जाता है और भोजन तैयार करने की प्रक्रिया अत्यंत स्वच्छता मानकों के अनुरूप होती है।

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