गुरु के प्रकाश से ही समस्त विश्व प्रकाशमान होता है-श्रृंगी*
*गुरु के प्रकाश से ही समस्त विश्व प्रकाशमान होता है-श्रृंगी*
बीकानेर 10 जुलाई। अखिल भारतीय साहित्य परिषद बीकानेर इकाई का गुरु पूर्णिमा उत्सव आदर्श विद्या मंदिर व्यास कॉलोनी में संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. बृजनंदन श्रृंगी तथा कार्यक्रम के अध्यक्ष महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कला अधिष्ठाता डॉ. अन्नाराम शर्मा थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ अन्नाराम शर्मा ने कहा कि गुरु पूर्णिमा मिथ्या ज्ञान एवं अज्ञान के कुहासे को भेदकर स्व के प्रकटीकरण का अवसर है। शब्द की मूल प्रकृति और अर्थ को ध्वनित करने वाला साहित्य ही कालजयी साहित्य होता है। साहित्यकार को स्त्री अस्मिता, दलित और वनवासी विमर्शों में औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त होकर भारतीय स्व और स्वस्थ सांस्कृतिक परंपराओं के नैरेटिव स्थापित करने होंगे। मुख्य वक्ता डॉ ब्रजनंदन श्रृंगी ने कहा कि गुरु के प्रकाश से ही समस्त विश्व प्रकाशमान होता है, भारतीय संस्कृति में गुरु वशिष्ठ से लेकर रामकृष्ण परमहंस तक की गुरु शिष्य परंपरा ने भारतीय संस्कृति को शिखर तक पहुंचाया है। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा का भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व है और आषाढ़ मास में चंद्रमा के प्रकाश में कमी होने के कारण गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है क्योंकि गुरु ही सभी प्रकार के अंधकार को दूर करता है। उन्होंने साहित्य परिषद के माध्यम से साहित्य में गुरु की परंपरा को स्थापित करने पर बल दिया।
इस अवसर पर प्रांत अध्यक्ष डॉ अखिलानंद पाठक ने सदस्यता अभियान का वृत्त रखा एवं साहित्य परिषद के उद्देश्यों के बारे में बताया आगामी सत्र के लिए महानगर इकाई में उपाध्यक्ष श्री के के शर्मा तथा सह महामंत्री डॉ. श्रीनिवास मिश्र को घोषित किया गया अन्य कार्यकारिणी यथावत रहेगी। गुरु पूर्णिमा महोत्सव में राजाराम स्वर्णकार एवं डॉ.कृष्णा आचार्य ने सुमधुर कविताएं सुनाकर तालियां बटोरी।
कार्यक्रम में डॉ. श्रीनिवास शर्मा, डॉ.रेणु वर्मा, डॉ अनिल बारिया, रमेश महर्षि आदि गणमान्य उपस्थित रहे। संस्था उपाध्यक्ष के के शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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