विधि महाविद्यालय में हुआ मॉक ट्रायल का आयोजन

 विधि महाविद्यालय में हुआ मॉक ट्रायल का आयोजन 




उदयपुर संवाददाता जनतंत्र की आवाज विवेक अग्रवाल। विश्वविद्यालय विधि महाविद्यालय में पोक्सो (बालको का लैंगिक अपराध से संरक्षण अधिनियम 2012) पर आधारित एक यथार्थपरक और शिक्षाप्रद मॉक ट्रायल का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों को न्यायालयीन कार्यवाही, साक्ष्य प्रणाली, तर्क-वितर्क, जिरह और निर्णय लेखन की वास्तविक प्रक्रिया से परिचित कराना था।


संपूर्ण कार्यवाही में छात्रों ने अभियोजन और बचाव पक्ष की भूमिका निभाते हुए FIR का वाचन, मेडिकल एवं फॉरेंसिक रिपोर्ट की प्रस्तुति, गवाहों की पेशी, जिरह और अंतिम बहस को वास्तविक अदालत की शैली में प्रस्तुत किया। इस मॉक ट्रायल में विचाराधीन केस राज्य बनाम कमलेश में प्रस्तुत साक्ष्यों और बहसों के आधार पर न्यायालय की भूमिका निभा रहे छात्र-न्यायाधीशों की पीठ, जिसकी अध्यक्षता चित्रा जोशी ने की, ने मुलज़िम कमलेश को दोषी करार देते हुए मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनाई।


मॉक ट्रायल का संचालन ख्वाहिश पोखरना ने किया एवं भाग लेने वाले छात्रों में जज के रूप में चित्रा जोशी, सरकारी वकील के रूप में भट्ट राम और हितेश जैन, अभियुक्त वकील के रूप में तमन्ना अंजुम और वर्षा व्यास, गवाहों के रूप में सोनू भील (विकास चौधरी), लक्ष्मी बाई (दिव्यान्शी कुमावत), यशवंत शर्मा, प्रिया नागदा, यश नागर, विशाल जैन, अनिता पानेरी, सूरज कुमार, आफताब खान, लविश चौराडीया, भावेश कुमार, प्रीति छिपा, श्रृष्टि जैन और अशोक बिश्नोई, स्टेनोग्राफर के रूप में सुमित्रा चारण, रीडर के रूप में अदिति सिंह चौहान, सह कांस्टेबल के रूप में किंजल भगोरा और मोहित शर्मा, हरकारा के रूप में ऐश्वर्या रावल, काउंसिल के रूप में पलक सोनी और कृष्णा नागदा, अभियुक्त के रूप में कृष्ण गोपाल नागदा, देव यादव और दीपिका छड़ीदार शामिल थे।


मॉक ट्रायल की तैयारी महाविद्यालय के अतिथि संकाय सदस्यों डॉ. पायल शर्मा, डॉ. सतीश मीणा और डॉ. भारत नाथ योगी द्वारा करवाई गई, जिन्होंने छात्रों को संपूर्ण प्रक्रिया के दौरान मार्गदर्शन और प्रशिक्षण प्रदान किया।


कार्यक्रम का शुभारंभ विधि महाविद्यालय अधिष्ठाता प्रो आनंद पालीवाल ने किया।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गोपाल बिजोरीवाल (पूर्व सेशन जज), एडिशनल एसपी उमेश ओझा (उदयपुर), BCI सदस्य राव रतन सिंह उपस्थित थे। जज गोपाल बिजोरीवाल ने मूट कोर्ट की बारीकियों और सावधानियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि छात्रों को मॉक ट्रायल के दौरान किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ताकि वे वास्तविक अदालत की कार्यवाही में दक्ष बन सकें। एडिशनल एसपी उमेश ओझा ने कोर्ट क्राफ्ट की तकनीकी महत्वपूर्णता और नए कानूनों के प्रभाव के बारे में समझाया और कहा कि न्याय की गुणवत्ता नए कानूनों के आने के बाद और मजबूत होगी तथा न्यायालय आमजन के लिए न्याय का केंद्र बनेंगे। BCI सदस्य राव रतन सिंह ने अधिवक्ताओं के जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के व्यावहारिक सुझाव दिए और छात्रों को धैर्य, अध्ययन, वक्तृत्व कला और नैतिक मूल्यों पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई। पब्लिक प्रोसीक्यूटर राम कृपा शर्मा ने अभियोजन पक्ष की ओर से बारीकियों को समझाया।


कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और न्यायालयीन वातावरण का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त किया।

इस अवसर पर डॉ. भाविक पानेरी, डॉ. स्नेहा सिंह, डॉ. पंकज मीणा डॉ कल्पेश निकावत और अन्य संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।

अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राजश्री चौधरी द्वारा किया गया, जिन्होंने सभी अतिथियों, संकाय सदस्यों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।

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