नीमकाथाना कपिल और चिकित्सालय राजकीय में तीन डॉक्टर एक प्रसूता के बहुत मशक्कत उपरांत, सिजेरियन डिलीवरी करके प्रसव कराया गया***
*नीमकाथाना कपिल और चिकित्सालय राजकीय में तीन डॉक्टर एक प्रसूता के बहुत मशक्कत उपरांत, सिजेरियन डिलीवरी करके प्रसव कराया गया***
नीमकाथाना के राजकीय कपिल चिकित्सालय के पीएमओ श्री कमल सिंह शेखावत डॉक्टर महोदय ने संबंधी जानकारी चिकित्सालय के डॉक्टर से ली एवं एक जनरल लिस्ट दैनिक राजस्थान धड़कन के संवाददाता श्री अमित अग्रवाल की धर्मपत्नी हेतु डॉक्टर महोदय को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।
जिससे प्रसूता और नवजात मृत्यु संख्या में बढ़ोतरी ने हो।
जर्नलिस्ट दैनिक राजस्थान डरकर समाचार पत्र के संपादक निशा अग्रवाल वाइफ ऑफ श्री अमित अग्रवाल वार्ड नंबर 17 निवासी नीम का थाना योगी डॉक्टर श्री गुमान सिंह जी यादव के निर्देशन में विगत दिनों की दवाइयां एवं चिकित्सा परामर्श ले रहे हैं।
ठीक ऐसा ही वाक्या उन अग्रवाल महोदय के साथ हुआ ।नीमकाथाना के राजकीय चिकित्सालय में श्रीमती निशा अग्रवाल जो की भर्ती है उनके बीपी हाई और एनीमिया जैसी अनेक समस्या होने से अस्पताल में हो रही वरिष्ठ सीनियर डॉक्टर की टीम के निर्देशन में लेकिन श्रीमती अग्रवाल को डिलीवरी का समय आया, जो प्रसव पूर्व क्रियाएं समान्यता होती है, वह हो चुकी।। तो डॉक्टर श्री गुमान सिंह वरिष्ठ निर्देश विशेषज्ञ आपके ही निर्देशन में वह देखरेख में यह प्रसुता के परसों प्रसव स कुशल सफलतापूर्वक संपन्न कराया।
मिसेज अग्रवाल डॉक्टर श्री गुमान सिंह जी के द्वारा एवं उनकी देखरेख में दवाइयां विगत दिनों तक लेती आ रही है ,लेकिन प्रकृति ने श्रीमती निशा अग्रवाल वाइफ ऑफ श्री अमित अग्रवाल जर्नलिज्म को ऐसी नवजात कन्या रूपी लक्ष्मी स्वरूपा शुक्ल पक्ष अष्टमी आषाढ़ी माह को अवतरित हुई अर्थात जन्म लिया।
गौरतलब तथ्य यह है कि ,डॉक्टर ईश्वर के रूप होते हैं यह सिद्ध हुआ। मिसेज अग्रवाल का जो की प्रसूता की नवजात कन्या का सिर ज्यादा अपेक्षाकृत बड़ा होने के कारण डॉक्टर्स एवं उनकी टीम काफी मशक्कत के उपरांत भी सामान्य प्रसव नहीं करा सके।
डॉक्टर महोदय की कार्य कुशलता एवं बुद्धिमत्ता के द्वारा उन्होंने अपने निर्णय को बदलकर सिजेरियन डिलीवरी संपन्न करवाई।
यदि ऐसा नहीं किया जाता तो दोनों में से किसी एक की जान जा सकती थी क्योंकि बच्ची के गले में रुकावट आ चुकी थी लेकिन *ईश्वर रूपी डॉक्टर एवं उनकी टीम की इतनी प्रशंसा की जाए ,वह भी न्यून है* या वह भी कम है। क्योंकि जैसा कि डॉक्टर महोदय ने बताया कि यदि ऐसा न करते तो कोई दुर्घटना की संभावना थी ।इसलिए कोई अनहोनी न हो। और और सुरक्षित प्रसव हो।। इस हेतु सिजेरियन डिलीवरी के विकल्प को चुना गया । डॉक्टर महोदयों के अथक प्रयासों एवं अद्भुत बुद्धिमत्ता के कारण आज जच्चा बच्चा सुरक्षित है ,और चिकित्सालय में एडमिट है। इसे हेतू डॉक्टर्स की संपूर्ण टीम को हार्दिक ढेरों बधाईयां हो।
इलेक्ट्रिक न्यूज़ रिपोर्टर, शिंभू सिंह शेखावत सीकर ,टनीमकाथाना
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