मधुमेह में लाभदायक है इंद्रायण या तुंबा।
मधुमेह में लाभदायक है इंद्रायण या तुंबा।
इंद्रायण, जिसे बिटर एप्पल या तुंबा कहा जाता है। यह एक ऐसी जड़ी-बूटी है जो पारंपरिक चिकित्सा में, विशेषकर आयुर्वेदिक क्रियाओं में अपने औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है और विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज मे इसका उपयोग किया जाता है। इसके पत्ते तरबूज के पत्तों के समान, फूल नर और मादा दो प्रकार के तथा फल नांरगी के समान दो इंच से पांच इंच तक व्यास के होते हैं। ये फल कच्ची अवस्था में हरे, पकने पर पीले हो जाते हैं और उन पर बहुत सी सफेद धारियाँ होती हैं। इसके बीज भूरे, चिकने, चमकदार, लंबे, गोल तथा चिपटे होते हैं। इंद्रायण एक तरह की बेल है जिसका प्रत्येक भाग कड़वा होता है। इसमें लगने वाला फल, उसका बीज, पत्ते, जड़ सभी में औषधीय गुण होते हैं। स्किन तथा बालों के लिए भी इंद्रायण का फल फायदेमंद माना जाता है। इंद्रायण का फल बाहर से दिखने में तरबूज जैसा होता है।
श्री भगवानदास तोदी महाविद्यालय के वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र कांटिया ने बताया कि इंद्रायण का वैज्ञानिक नाम सिट्रुलस कोलोसिन्थिस है यह कुकुरबिटेसी कुल का सदस्य है इसका पारंपरिक रूप से उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं, त्वचा की व्याधियों और तंत्रिका संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए किया जाता है। यह लीवर को डिटॉक्सिफाई करने और यकृत विकारों में सुधार के लिए भी उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग रेचक के रूप में और कब्ज, पीलिया और अन्य पेट की बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग त्वचा के संक्रमण, कुष्ठ रोग और साँप के काटने व बिच्छू के डंक के इलाज के लिए भी किया जाता है। इंद्रायण का फल, बीज, जड़ सभी डायबिटीज को कंट्रोल करने में उपयोगी होते हैं। अगर इन सबको पीसकर पाउडर बनाकर और गुनगुने पानी के साथ लिया जाए । तो शुगर लेवल कंट्रोल रहेगा। क्योंकि इंद्रायण में एंटी-डायबेटिक गुण पाए जाते हैं। जो मधुमेह रोग में फायदेमंद होते है। इसके फलो का इस्तेमाल डैंड्रफ की समस्या और चेहरे के मुंहासे की समस्या दूर करने में किया जाता है। यदि मोटापे से परेशान हैं और वजन घटाना हैं तो इंद्रायण के बीजो को पीसकर पाउडर बनाकर उसमें इंद्रायण के फल का रस मिलाकर दो कप पानी में गरम करके उसमें थोड़ी मिश्री मिलाकर तब तक गर्म किया जाय जब पानी आधा रह जाए। अब इस तैयार काढ़ा में काली मिर्च डाल के पीने से वजन कम होता हैं। अगर महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की समस्या है तो इंद्रायण औषधी का उपयोग किया जा सकता हैं। इसके लिए इसके फल का रस और बीज को पीसकर काढ़ा बनाकर दिन में एक बार पीने से पीरियड्स से जुड़ी समस्या दूर हो जाती है। इसी प्रकार यह अर्थराइटिस में जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होती है अगर किसी को ये समस्या है तो इंद्रायण के फल का सेवन करें। इंद्रायण में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं इससे दर्द और सूजन की समस्या दूर होती है। किसी अन्य अंग में भी चोट के कारण सूजन आई हो तो भी इंद्रायण के फल के रस को उस जगह लगाकर दर्द से राहत पाई जा सकती हैं निमोनिया को ठीक करने में भी इंद्रायण का फल फायदेमंद माना जाता है। इंद्रायण के रस को गुनगुने पानी के साथ लेने से निमोनिया ठीक हो जाता है। निमोनिया को ठीक करने के लिए इंद्रायण की जड़ का चूरण भी इस्तेमाल कर सकते हैं। पेशाब करते समय जलन हो या किसी अन्य कारण से कुछ लोगों को यूरिन पास करते समय जलन होती है तो इंद्रायण की जड़ का उपयोग कर सकते हैं। इंद्रायण की जड़ को पीसकर पाउडर बनाकर उसे गुनगुने पानी के साथ मिलाकर पिएं तो यूरिन करते समय जलन की समस्या ठीक हो जाएगी।
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