डोल का बाड़ जंगल को बचाने के लिए खून से लिखा गया भावनात्मक पत्र —


डोल का बाड़ जंगल को बचाने के लिए खून से लिखा गया भावनात्मक पत्र —


 

जयपुर में डोल का बाड़ जंगल की कटाई के विरोध में आज एक अभूतपूर्व कदम उठाया गया। मरुधरा किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बालियान सहित पर्यावरण प्रेमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने खून से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम पत्र लिखा  यह पत्र एक प्रतीकात्मक संदेश है — जंगलों के पक्ष में उठी एक गूंगी लेकिन गूंजती हुई पुकार।


इस पत्र को लिखने में रेखा शर्मा, विजेंद्र शेखावत, और रिदम चतुर्वेदी भी शामिल रहे। यह कदम कोई राजनीतिक विरोध नहीं, बल्कि धरती माँ के लिए एक दर्दनाक अपील है।


📌 मुख्य मांगें:

डोल का बाड़ को बायोडायवर्सिटी पार्क घोषित किया जाए।


पेड़ कटाई और निर्माण गतिविधियों पर तत्काल रोक लगे।


इस क्षेत्र की जैव विविधता को संवैधानिक संरक्षण मिले।


दीपक बालियान ने कहा:

"जब हर दरवाज़ा बंद हो जाए, तो लहू ही आखिरी दरख्वास्त बनता है। हमने खून से लिखा है ताकि सरकार संवेदना से पढ़े, सत्ता से नहीं।"


रेखा शर्मा ने कहा:

"ये पत्र एक विरोध नहीं, एक आखिरी पुकार है — जंगल रहेगा, तो जीवन रहेगा।"


🖋️ पत्र लेखन में शामिल:


दीपक बालियान (प्रदेश अध्यक्ष, मरुधरा किसान यूनियन)


रेखा शर्मा (प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा मरुधरा किसान यूनियन)



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