राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश में उल्लेखनीय वृद्धि*
*राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय पीएचडी प्रवेश में उल्लेखनीय वृद्धि*
*आरटीयू का उद्देश्य न केवल गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान को बढ़ावा देना है, बल्कि ऐसे नवाचारों को भी प्रोत्साहित करना है जो समाज के लिए उपयोगी सिद्ध हों : प्रो. बीपी सारस्वत, कुलगुरु*
कोटा, 13 अक्टूबर, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय कोटा रिसर्च बोर्ड की बैठक आज कुलगुरु प्रो. बीपी सारस्वत की अध्यक्षता में आयोजित की गई। सह जनसम्पर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया की इस बैठक मे शोध विद्वानों के शोध प्रस्तावों को मंजूरी, अनुसंधान पर्यवेक्षक के परिवर्तन, शोध जमा करने की अवधि में वृद्धि पर विचार, क्यूआईपी योजना के माध्यम से पीएचडी प्रक्रिया के लिए संबंधित डीआरसी को निर्देशित करना, विभिन्न पीएचडी पंजीकरण को रद्द करने, नए अनुसंधान पर्यवेक्षकों को मान्यता, विभिन्न शोध प्रस्तावों को मंजूरी, अनुसंधान पर्यवेक्षक की नियुक्ति सहित रिसर्च बोर्ड के पूर्व निर्धारित एजेंडे सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श कर उनका अनुमोदन किया गया। बैठक में कुलगुरु प्रो. सारस्वत ने प्रबंधन मंडल ने अकादमिक एवं प्रशासनिक विभाग के अधिकारियों के साथ वर्तमान प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की और उन्हें विस्तृत दिशा-निर्देश प्रदान किए साथ ही उन्होंने एजेंडे की समीक्षा की और नवीन अकादमिक कार्य योजनाओं पर मंथन किया।
बैठक में वर्तमान अनुसंधान परियोजनाओं की स्थिति रिपोर्ट, शोध प्रस्तावों का मूल्यांकन, अनुसंधान अनुदान और संसाधनों का आवंटन पर चर्चा, शोध प्रकाशनों की गुणवत्ता और संख्या में वृद्धि, नवाचार और पेटेंट प्राप्त करने की रणनीतियाँ पर चर्चा सहित विगत रिसर्च बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय एवं अनुपालना रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई। कुलगुरु प्रो. बी.पी. सारस्वत के दूरदर्शी नेतृत्व और मार्गदर्शन में, पिछले वर्ष 2024 में पीएचडी कार्यक्रम में जहाँ 64 प्रवेश हुए थे, वहीं इस वर्ष 2025 में यह संख्या बढ़कर 86 हो गई, जो कुल मिलाकर लगभग 35% की उल्लेखनीय वृद्धि को दर्शाती है। इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. बीपी सारस्वत ने पीएचडी कार्यक्रम में नामांकन की संख्या बढ़ाने के प्रयासों के लिए प्रोफेसर ए.के.चतुर्वेदी (आरटीयू डीएटी-2025 समन्वयक), डॉ. केबी राणा और उनकी टीम की सराहना की। बैठक में डीन रिसर्च प्रो. एसके पाराशर सहित रिसर्च बोर्ड के प्रो. दिनेश बिड़ला, प्रो. आरएस मीणा, प्रो. वीके गोराना, प्रो.डीके पलवालिया, प्रो.रंजनमाहेश्वरी, प्रो.एबिंदलिश, प्रो.एके चतुर्वेदी, प्रो.विवेक पांडे, प्रो. मनीषा व्यास,डॉ.शरद माहेश्वरी, प्रो.एनके जोशी उपस्थित रहे, जिन्होंने विभिन्न शोध प्रस्तावों पर अपने विचार साझा किए और महत्वपूर्ण सुझाव प्रदान किए। सभी सदस्यों ने बैठक को सफल बनाने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। बैठक में अनुसंधान गतिविधियों की प्रगति, आगामी परियोजनाओं की योजना, और संस्थान के शोध कार्यों की गुणवत्ता में वृद्धि पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस अवसर कुलगुरु प्रो. बीपी सारस्वत ने कहा कि हमारा उद्देश्य न केवल गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान को बढ़ावा देना है, बल्कि ऐसे नवाचारों को भी प्रोत्साहित करना है जो समाज के लिए उपयोगी सिद्ध हों। हम सभी को आपसी समन्वय और सहयोग तकनीकी शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप शोध-अनुसंधान को और अधिक मजबूत बनाना होगा। विश्वविद्यालय का प्रयास रहेगा की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुधारात्मक बिन्दुओं का समावेश कर विश्वविद्यालय में विश्वस्तरीय शोध केंद्र बना कर शोधार्थियों को लाभान्वित किया जाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में अनुसंधान संस्कृति को बढ़ावा देना, नवाचार को प्रोत्साहित करना तथा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध मानकों के अनुरूप कार्य होना चाहिए। यह नीति हमारे शोधकर्ताओं को दिशा देने और विश्वविद्यालयों को एक अग्रणी अनुसंधान केंद्र के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी। अनुसंधान बोर्ड की अनुसंधान की गुणवत्ता, अखंडता बनाए रखने और पूरे परिसर में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका है। इस बैठक में अनुसंधान से संबंधित वर्तमान परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई तथा भविष्य की दिशा और रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया गया

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