ऑक्टेव’ से पूर्वोत्तर संस्कृति का संगम डॉ. रविंद्र सिंगल का प्रतिपादन ‘नॉर्थ ईस्ट ऑक्टेव’ सांस्कृतिक महोत्सव का शुभारंभ

 ‘ऑक्टेव’ से पूर्वोत्तर संस्कृति का संगम

डॉ. रविंद्र सिंगल का प्रतिपादन

‘नॉर्थ ईस्ट ऑक्टेव’ सांस्कृतिक महोत्सव का शुभारंभ



उदयपुर / नागपुर।

पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर और दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में अब तक कई महोत्सवों का आयोजन किया गया है, जिन्हें नागपुरवासियों का भरपूर प्रतिसाद मिला है। कई वर्षों के अंतराल के बाद आयोजित हो रहे ‘ऑक्टेव-2025’ महोत्सव के माध्यम से नागपुरवासी सच्चे अर्थों में पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति का संगम अनुभव कर सकेंगे — ऐसा प्रतिपादन पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्र सिंगल ने किया।

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के मार्गदर्शन में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर और दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में “नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल - ऑक्टेव” का उद्घाटन डॉ. रविंद्र सिंगल के हस्ते संपन्न हुआ। इस अवसर पर वे बोल रहे थे।

डॉ. सिंगल ने सर्वप्रथम कार्यक्रम स्थल पर लगे पूर्वांचल वस्त्र और हस्तकला प्रदर्शन का उद्घाटन फीता काटकर किया। इस अवसर पर दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की निदेशक आस्था कार्लेकर, उपनिदेशक दीपक कुलकर्णी, लेखाधिकारी दीपक पाटील, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक फुरकान खान और कार्यक्रम अधिकारी हेमंत मेहता उपस्थित थे।

डॉ. सिंगल ने कहा कि यह महोत्सव देशभर के विभिन्न स्थलों पर आयोजित किया जा रहा है। यह अवसर दोबारा कब मिलेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसलिए नागरिकों को पूर्वोत्तर की संस्कृति के रंग, उसकी भावनाएँ और उसकी दृढ़ता का अनुभव लेने के लिए अधिक से अधिक संख्या में इस महोत्सव में सहभागी होना चाहिए।

कार्यक्रम की शुरुआत में नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंद्रकुमार सिंगल ने सभी स्टॉल्स का अवलोकन किया और प्रदर्शकों को प्रोत्साहित किया। स्टॉलधारकों ने अपने-अपने राज्यों की वस्तुएँ उन्हें भेंट के रूप में दीं।

इस अवसर पर बोलते हुए निदेशक आस्था कार्लेकर ने कहा कि भारत सरकार का मुख्य उद्देश्य देश के अन्य राज्यों को पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति से परिचित कराना है। यहाँ आठों राज्यों के हस्तशिल्प, हस्तकला और पारंपरिक वस्तुएँ बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।

कार्यक्रम का संचालन विवेक अलोणी और मोहिता दीक्षित ने किया तथा आभार प्रदर्शन फुरकान खान ने किया।



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पूर्वोत्तर संस्कृति से परिचय कराते नृत्य

इस अवसर पर मणिपुर का पुंग ढोल चोलम, असम का बारडाई सिकला और बिहू, मेघालय का वांगला डांस और कशद मस्ती, त्रिपुरा का होजागिरी और संग्राई मोग, मिजोरम का चेरवू डांस, नागालैंड का नागा वॉर डांस, अरुणाचल प्रदेश का जूजू झाझा तथा सिक्किम का सिंगी चाम जैसे विविध नृत्य प्रस्तुत किए गए। इस प्रस्तुति में पूर्वोत्तर राज्यों के 200 से अधिक कलाकारों ने भाग लिया।

पूर्वोत्तर राज्यों का फैशन शो

महोत्सव के उद्घाटन के बाद प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति में असम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम इन आठ पूर्वोत्तर राज्यों की परंपरा, संस्कृति और वेशभूषा का परिचय देने हेतु फैशन शो आयोजित किया गया। इसमें इन राज्यों की मॉडल्स ने पारंपरिक वेशभूषा, हथियार संस्कृति और आपसी एकता का अद्भुत प्रदर्शन किया।

आज का कार्यक्रम

10 अक्टूबर, सायं 6 बजे

लोकनृत्य और पारंपरिक वेशभूषा प्रदर्शन

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