हमारे हनुमान परिवार संगठन में पंडित रवि शंकर मेहता जी के विचारों द्वारा हमारे मन को लेकर की गई व्याख्या।।। **मन क्या होता है यह समझना है तो**
*हमारे हनुमान परिवार संगठन में पंडित रवि शंकर मेहता जी के विचारों द्वारा हमारे मन को लेकर की गई व्याख्या।।। **मन क्या होता है यह समझना है तो**
******* आप में से जिन लोगों ने श्वान पालें हो, श्वान मतलब कुत्ता और ना पाला हो तो पालतू कुत्ता दिखाओ उनको समझ में आ जाएगा मन क्या होता है कुत्ते का मालिक कहता है कम तो कुत्ता आ जाता है स्टार्ट तो भौंकना लगता की पालतू कुत्ता है उसका मालिक खाना खिलाया जाता है।।।है बाहर ले जाया करते तो गंदा करता है घर में बिल्कुल साफ सुथरा स्वच्छ रहता है । पालतू कुत्ता एक आपने देखा होगा सड़क का कुत्ता जिसको हम लोग आवारा कुत्ता कहते हैं। मोटरसाइकिल के पीछे भागता है हर कहानी झूठ और गंदा खा लेता है और गंदगी भी कर देता है ।।। ईमानदारी से अपने कलेजे पर हाथ रखकर बताइए ,हमारा मन कौन सा कुत्ता है । एक नंबर का आवारा कुत्ता अभी बाहर निकालना कोई सुंदर स्त्री दिखेगी चलने का पीछे थोड़ी देर बाद जाएगा अपनी वाली दूसरों के शरीर के आर पार जाना दूसरों के प्रति गंदे विचार रखना इस मन का स्वभाव है , इसको अच्छे काम अच्छे बुरा मत मानिए, हम मान जाए तो अगली बार मत बुलाना। पर बात तो सही है यह मन ऐसा है । अब प्रयोग करके देख लेना ईमानदारी से पिछले 8-10 घंटे में आपके मन में जो जो भी विचार किया हो यदि आप एक कागज पर लिखे ,ईमानदारी से बहुत अच्छी तरीके से उसको देखना । किसी दूसरे को मत दिखाना अब खुद पढ़ोगे , तो आपको लगेगा । यह किसी पागल का हस्ताक्षर है । पढ़ा मत देना किसी को।। मन की संपूर्ण व्याख्या को समझना है ❓तो उसके लिए विचार शून्य सांस लेना पड़ेगा और मन जब निष्क्रीय होता है , मन विचार शून्य होता है। तो हमारी बॉडी से पॉजिटिव वाइब्रेशंस निकलना शुरू हो जाते हैं। मस्त है ,उतनी नेगेटिविटी आपके भीतर आती है। ।।
यह थे आदरणीय पूजनीय पंडित विजय शंकर मेहता जी के संवाद जिसमें श्रीमान मेहता जी***मन की संपूर्ण व्याख्या कर रहे है 🙏🏼 जय श्री राम।।
इलेक्ट्रिक न्यूज़ रिपोर्टर ,शिंभू सिंह शेखा वत राजस्थान
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