कोटपुतली का हिमांशु स्केटिंग में लिख रहा नई इबारत
"कोटपुतली का हिमांशु स्केटिंग में लिख रहा नई इबारत
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स्केटिंग यात्रा के जरिए गौ माता को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने का लिया संकल्प।
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अगर कामयाबी हासिल करनी है तो दिल के अंदर उस काम के प्रति जुनून और जज्बा होना चाहिए। ऐसा ही एक बच्चा कोटपुतली का हिमांशु सैनी है। जिसकी उम्र महज 10 साल है, लेकिन उसके दिल में उम्र से कही ज्यादा हिम्मत और जज्बा है, जिंदगी में बहुत आगे बढ़ने का...... क्षेत्र और परिवार का नाम रोशन करने का। उसने एक रोज सोशल मीडिया पर किसी बच्चे को स्केटिंग करते क्या देखा, बस ऑनलाइन स्केटिंग मंगवा कर कॉलोनी एवं शहर की सड़कों को अपने जुनून का हिस्सा बना लिया। हिमांशु की बचपन से ही भगवान राम में गहरी आस्था है। यही कारण है कि करीब 704 किलोमीटर का सफर स्केटिंग के जरिए तय करके 9 दिन में अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का गवाह बना। अयोध्या की यात्रा के दौरान उसने अपनी पीठ पर केसरिया ध्वज बांध रखा था तो वही अपने कुर्ते पर एक पोस्टर चस्पा कर रखा था। जिस पर भव्य राम मंदिर की बड़ी तस्वीर लगी हुई थी। रास्ते में हर कोई हिमांशु की भक्ति भाव और प्रतिभा का स्वागत और सम्मान करने को आतुर था। छोटी सी उम्र के बच्चे में भगवान श्री राम के प्रति अटूट आस्था और भक्ति भावना को देखकर लोग उसकी तारीफ करते नहीं थकते है। इसके बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए महाकुंभ में भी शामिल होने के लिए वह करीब 800 किमी स्केटिंग के जरिए चलकर पहुंचा था। वह अभी तक करीब 5 हजार किलोमीटर स्केटिंग से सफर कर चुका है। स्केटिंग यात्रा के दौरान इलेक्ट्रिशियन का काम करने वाले उसके पिता अशोक सैनी भी भरपूर सहयोग करते हैं। उनका कहना है कि अगर सरकार उनके बेटे को स्केटिंग कोच की सुविधा उपलब्ध करवाए तो उनका बेटा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश, प्रदेश का नाम रोशन कर सकता है। हिमांशु का स्केटिंग के जरिए यात्रा करने का उद्देश्य गौ माता को राष्ट्रीय गौ माता का दर्जा दिलवाना है। इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल कर इस दिशा में अपनी इच्छा जाहिर करना चाहता है। हिमांशु को उसकी प्रतिभा के लिए कई मंचों पर सम्मानित भी किया जा चुका है। दिखने में मासूम यह बच्चा अभी 9 वी क्लास में पढ़ रहा है। अब देखने वाली बात यह है की इस बच्चे को आगे बढ़ाने के लिए क्या कोई भामाशाह, स्वयंसेवी संस्था या शासन, प्रशासन और सरकार कुछ मदद कर पाएगी।
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