जनजातीय गौरव वर्ष 2025 जनजातीय उत्कर्ष की ओर बढ़ते कदम जनजातीय गौरव वर्ष के तहत धरती आबा योजना में महत्वपूर्ण गतिविधियाँ
जनजातीय गौरव वर्ष 2025
जनजातीय उत्कर्ष की ओर बढ़ते कदम
जनजातीय गौरव वर्ष के तहत धरती आबा योजना में महत्वपूर्ण गतिविधियाँ
उदयपुर, 8 नवंबर। जनजातीय गौरव वर्ष और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत, जिले के 14 ब्लॉक एवं जिले के 101 वनधन विकास केंद्रों में महत्वपूर्ण गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य जनजातीय समुदाय को आजीविका और वित्तीय समावेशन के माध्यम से सशक्त बनाना रहा।
जिसमें भगवान बिरसा मुंडा का जीवन परिचय,रंगोली कार्यक्रम, रैली ,स्वयं सहायता समूह का गठन एवं राजीविका व अन्य योजना की जानकारी देते हुए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया । आयोजन में राजीविका (राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद) के माध्यम से वन धन विकास केंद्रों पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में उपस्थित जनजातीय समुदाय के सदस्यों को लघु वनोपज के संग्रहण, मूल्य संवर्धन, और विपणन के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई।
इस पहल से स्थानीय निवासियों को वन उत्पादों से स्थायी आय प्राप्त करने और उन्हें उद्यमी बनाने में मदद मिलेगी।जागरूकता कार्यक्रम के साथ ही, केंद्र पर स्वयं सहायता समूहों के गठन के लिए एक बैठक का भी आयोजन किया गया। इन समूहों के माध्यम से स्थानीय महिलाएं और पुरुष संगठित होकर सामूहिक रूप से आर्थिक गतिविधियों का संचालन करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है- स्वयं सहायता समूहों का गठन और वन धन विकास केंद्रों से उनका जुड़ाव जनजातीय आजीविका को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। यह पहल श्धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियानश् के लक्ष्य, यानी अंतिम हितग्राही तक व्यक्तिगत अधिकारों को परिपूर्ण करने को सिद्ध करेगी।
इस प्रकार के कार्यक्रमों से जनजातीय समाज को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल सकेगा और वे आत्मनिर्भर बन सकेंगे। इस शिविर के माध्यम से लगभग 4783 स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को लाभान्वित किया गया।

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें