बारूद के ढेर पर धार्मिक स्थल पटाखा लाइसेंस ठीक मस्जिद के नीचे पुलिस प्रशासन की नजर अंदाज की कहानी भारी न पड़ जाए आमजन पर 1984 और विस्फोट नियम 2008 का खुलेआम उल्लंघन
बारूद के ढेर पर धार्मिक स्थल
पटाखा लाइसेंस ठीक मस्जिद के नीचे
पुलिस प्रशासन की नजर अंदाज की कहानी भारी न पड़ जाए आमजन पर
1984 और विस्फोट नियम 2008 का खुलेआम उल्लंघन
यह कहता है नियम की धार्मिक स्थल के नीचे या उसके बहुत पास पटाखे का लाइसेंस मिलना किसी भी तरह संभव नहीं है।
जयपुर शहर पुलिस आयुक्तालय लाइसेंस एंड लीगल सेल एवं उत्तर पुलिस क्षेत्राधिकार के तहत किशनपोल बाजार में धार्मिक स्थल मस्जिद सांभरियान के ठीक नीचे पुलिस प्रशासन द्वारा नीति नियम ताक पर रख स्थाई रूप से दुकान नंबर 310 को अधिकृत लाइसेंस पटाखा विक्रय का जारी कर रखा है जबकि धार्मिक स्थल के नीचे किसी भी तरह का स्थाई एवं स्थाई लाइसेंस पटाखा विक्रेता को नहीं जारी किया जा सकता जो नीति नियम विस्फोटक नीति नियम में स्पष्ट है।
वहीं अगर मान भी जाए की दुकान नंबर 310 को लाइसेंस जारी किया हुआ है तो एक लाइसेंस की आड़ में चार दुकानों में पटाखे की खुलेआम बिक्री हो रही है जिसमें दुकान नंबर 311,312,313 मैं खुलेआम पटाखा बिक रहे हैं।
इस संबंध में उत्तर पुलिस ए सी पी महोदय से बात की गई जिस पर उन्होंने बताया कि एक दुकान को स्थाई लाइसेंस जारी है जब उन्हें अवगत करवाया कि अन्य दुकानों में भी इसी तरह की बिक्री की जा रही है तो उन्होंने अवगत कराया की मामला दिखाकर कार्रवाई की जावेगी। अगर ऐसा है तो।
लेकिन वही प्रशासनिक चुक का किसी प्रकार से भी अगर यह पटाखा व्यवसायि फायदा उठा रहा है तो किसी बड़े हादसे से से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि धार्मिक स्थल के ठीक नीचे पटाखों का जखीरा मौजूद है अगर किसी भी तरह से कोई घटना पटाखा दुकान में घटित हो जाती है तो ऊपर धार्मिक स्थल में मौजूद काफी जनधन हानी से इनकार नहीं किया जा सकता ऐसे में बारूद के ढेर पर प्रशासन की नजर अंदाज की कहीं भारी न पड़ जाए आम जन पर।


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