वार्ड नंबर 16 में अतिक्रमण की भरमार,बिना परमिशन के जिम। नतीजा जिम में आने वालों की पार्किंग व्यवस्था नहीं**
*वार्ड नंबर 16 में अतिक्रमण की भरमार,बिना परमिशन के जिम। नतीजा जिम में आने वालों की पार्किंग व्यवस्था नहीं**
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नीमकाथाना के वार्ड नंबर 16 में अतिक्रमण इस कदर हावी है कि सुबह, शाम, दोपहर रास्ता बिल्कुल अवरोध हो जाता है । सुबह जो नगर पालिका की कचरा गाड़ी आती है , उसे बजरंग लाल शर्मा ने अपनी रेड़ीयों को आम रास्ते पर खड़ा करके,रास्ते को बंद किया जाता है । रास्ता नहीं मिलता लोगों को मजबूर होकर 200 मीटर दूर कचरा डालने आना पड़ता है अतिक्रमण के कारण ।। लेकिन नगर पालिका का वोट बैंक होने के कारण इन पर कोई कार्यवाही नहीं होती ,जबकि नगर पालिका क्षेत्र में कोई अतिक्रमण यदि हो तो उसकी संपूर्ण जिम्मेवारी नगर पालिका की होती है, उसकी घोर अवमानना जा रही है ।। जिसका नतीजा यह हुआ कि वार्ड नंबर 16 में सुनील कुमार शर्मा ने एक जिम का निर्माण किया है। जिम बिना बिना परमिशन के है । जिम में जो आवश्यक उपकरण होने चाहिए सेफ्टी इत्यादि नहीं है । और गौरतलब तथ्य यह है कि मोहल्ले में प्रतिदिन सुबह और शाम लग्जरी गाड़ियां और मोटरसाइकिलें आड़ी और तिरछी मनचाही जगह पर खड़ी करके आम रास्ते को बंद किया जाता है । जिसकी शिकायत संबंधित नगरपालिका नीमकाथाना कार्यालय को दी गई , एवं एसडीएम महोदय को भी दी गई । लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती । अभी विगत दिनों प्रशासन शहरों की ओर अभियान चलाया, उसकी भी सिर्फ कागजों में लिपा पोथी की गई । धरातल पर कोई कार्य नहीं हुआ, इससे आमजन आहत है ।
अतः नीम का थाना के उच्च प्रशासनिक अधिकारी गण वास्तविकता में अपने अधिकारियों का सदुपयोग नहीं करके अपने चेहते व्यक्तियों का कार्य बहुत जल्दी किया जाता है । यह भी घोर विडम्बना है ।और जब राज्य सरकार द्वारा सीकर जिला नियुक्त प्रभारी मंत्री , संजय शर्मा वन एवं पर्यावरण मंत्री जिन्होंने नीमकाथाना के शहरी सेवा शिविर का औचक निरीक्षण किया तो उनके सामने स्थिति देखने लायक थी । अधिकारी की जगह कंप्यूटर ऑपरेटर बैठे मिले , और सभी अधिकारी नदारद थे इतना कुछ होने के बावजूद भी नीम का थाना के अधिकारियों और कार्मिकों पर कोई अंकुश नहीं है ⁉️ यह अपने आप को राज्य सरकार के नियमों से ऊपर समझते हैं । और अपनी नौकरी अर्थात सेवा जो वास्तविकता में होनी चाहिए वह नहीं होती , यही नीम का थाना का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है।
यही यदि कोई अतिक्रमण गरीब व्यक्ति कर ले तो उस पर तो नगर पालिका बहुत जल्द एक्शन ले लेती है। लेकिन मध्यम वर्ग और धनाढ्य वर्ग जब अतिक्रमण करता है तो नगर पालिका गूंगी बैरी हो जाती है ⁉️ यह बहुत ही जटिल बिंदु है, कि ऐसा क्यों होता है ❓ नगर पालिका की भूमि जो की सरकारी भूमि कहलाती है । उस पर राजकीय अवकाश का लाभ उठाकर ,, यहां तक की आम चुनाव 2024 की भी घोर अवमानना की गई और उस काल में भी वार्ड नंबर 16 में पक्का निर्माण किया गया , जिसकी सूचना नगर पालिका के अधिकारी को दी गई एवं कलेक्टर महोदय को भी दी गई थी । और कलेक्टर महोदय के कार्यालय में तो हां हो जाती थी । लेकिन वही एप्लीकेशन नगर परिषद , वर्तमान नगर पालिका नीम का थाना कार्यालय में आने के बाद लाल फीता शाही की भेंट चढ़ जाती थी। उसी का परिणाम है कि संपूर्ण **नीम का थाना में सरकारी जमीन रोकना तो एक वोट बैंक बन गया*** यदि यही हालात रहे तो आमजन को घरों में आने का रास्ता भी नहीं मिलेगा।
वार्ड नंबर 16 के अतिक्रमण कारिर्यों के आवासों के पटटे को नियमानुसार चेकिंग किया जाए , तो हकीकत और वास्तविकता सबके सामने होगा । कि किसने कितनी जमीन सरकारी रोक रखी है। लेकिन ऐसा राजनीतिक लॉबी के दबाव से और टरकाने वाली भावना से को उन आवेदनों को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है । और जो नियम विरुद्ध है ।। और अपने आवास के पट्टे से ज्यादा भूमि रोक कर बैठे हैं,,उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती ,जो कि नियम विरुद्ध है । और राज्य सरकार के नियमों की धज्जियां भी उड़ती हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए । यह न्याय संगत नहीं है , इसकी निष्पक्ष जांच अत्यंत अनिवार्य है ।।
रिपोर्टर:: वॉइस ऑफ़ मीडिया :: सीकर नीम का थाना राजस्थान , शिंभू सिंह शेखावत

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