उदयपुर में प्री-नवरात्रि फैस्टिवल पार्थिव गोहिल के साथ एक शानदार गरबा नाइट, प्रवेश नि:शुल्क केंद्रीय कैबिनेट मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और गुजरात के कैबिनेट मंत्री (पर्यटन) मुलुभाई बेरा की रहेंगे उपस्थित

 उदयपुर में प्री-नवरात्रि फैस्टिवल

पार्थिव गोहिल के साथ एक शानदार गरबा नाइट, प्रवेश नि:शुल्क

केंद्रीय कैबिनेट मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत, राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और गुजरात के कैबिनेट मंत्री (पर्यटन) मुलुभाई बेरा की रहेंगे उपस्थित



उदयपुर जनतंत्र की आवाज विवेक अग्रवाल। यूनेस्को द्वारा मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता प्राप्त गुजरात का प्रतिष्ठित लोकनृत्य, गरबा अब उदयपुर के लोगों के दिलों को लुभाने के लिए तैयार है। अपनी तरह के पहले सांस्कृतिक उत्सव के रूप में, गुजरात सरकार का गुजरात पर्यटन विभाग राजस्थान के उदयपुर में वाइब्रेंट गुजरात प्री-नवरात्रि फैस्टिवल 2025 आयोजित कर रहा है। इस भव्य उद्घाटन समारोह में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्रसिंह शेखावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इनके साथ राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी और गुजरात के पर्यटन मंत्री मुलुभाई बेरा भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगे। यह भव्य उत्सव 14 सितंबर को फील्ड क्लब उदयपुर में आयोजित किया जाएगा, जहाँ संगीत, नृत्य और परंपरा का एक अनूठा अनुभव प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें सभी के लिए निशुल्क प्रवेश, फस्र्ट कम फस्र्ट सर्व के आधार पर दिया जाएगा। यह जानकारी सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता में -गुजरात टूरिजम के जनरल मैनेजर चेतन मिसल, गुजरात टूरिजम के असिस्टेंट जनरल मैनेजर हरेन्द्र सिंह डाबी और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उदयपुर के उपनिदेशक गौरीकांत शर्मा ने दी।

चेतन मिसल ने बताया कि फैस्टिवल से पूर्व 8 से 13 सितंबर तक सुबह 10 से दोपहर 1 बजे और शाम 7 से 11 बजे तक जेडीसीए डांस एंड स्पोट्र्स फिटनेस हब, उदयपुर में गरबा वर्कशॉप्स का आयोजन किया जाएगा। इसमें फस्र्ट कम फस्र्ट सर्व के आधार पर निशुल्क प्रवेश रहेगा। वर्कशॉप में भाग लेने के लिए 63581 44611 पर संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि फैस्टिवल के दौरान आकर्षक उपहार और इनाम भी प्रदान किये जाएंगे। इसमें 5,000 मूल्य के शॉपिंग वाउचर, सर्वश्रेष्ठ परंपरागत पोशाक के लिए - पुरुष, महिला और बालक श्रेणी में उपहार, सर्वश्रेष्ठ गरबा प्रदर्शन के लिए पुरुष, महिला, युगल और बालक श्रेणी में उपहार, सर्वश्रेष्ठ गरबा प्रदर्शन एक समूह द्वारा (5 से 10 सदस्य) में उपहार तथा सर्वश्रेष्ठ अपलोड की गई रील के लिए इनाम जीतने का अवसर मिलेगा।

हरेन्द्र सिंह डाबी ने बताया कि फैस्टिवल में गुजरात के सबसे प्रसिद्ध गायकों में से एक पार्थिव गोहिल लाइव प्रदर्शन से गुजरात की पारंपरिक गरबा पर प्रस्तुति देंगे। यही नहीं, आगन्तुक गुजरात के नृत्य और संगीत से लेकर हस्तकला और व्यंजनों का भी आगन्तुक लुप्त उठा सकेंगे। गरबा नृत्य में भाग लेने के इच्छुक प्रतिभागियों के लिए पारंपरिक पोशाक पहनना अनिवार्य है। गैर-पारंपरिक पोशाक पहने मेहमान दर्शक के रूप में गरबा उत्सव का आनंद ले सकेंगे।

उन्होंने बताया कि बताया कि उत्सव शाम 7.30 बजे से शुरू होगा, जो एक अविस्मरणीय शाम का मंच तैयार करेगा। उत्सव की शुरुआत 30 मिनट के आकर्षक पारंपरिक गुजराती लोक प्रदर्शन से होगी, जहाँ दर्शक तलवार रास, गोफ गुंथन और मणियारो रास जैसे वाइब्रेन्ट प्रदर्शनों से मंत्रमुग्ध हो जाएँगे। ये सभी प्रस्तुतियाँ लय और गति के माध्यम से गुजरात की सांस्कृतिक विरासत की भावना, वीरता और आनंद को प्रस्तुत करती हैं। इस मनमोहक प्रस्तुति के बाद, जानेमाने बॉलीवुड पाश्र्व गायक पार्थिव गोहिल मंच पर आएंगे और एक प्रतिभाशाली ऑर्केस्ट्रा का नेतृत्व करेंगे, जो गरबा की मोहक धुनों को वाइब्रेन्ट कर देगा और ऊर्जा का स्तर और बढ़ जाएगा। इसके बाद गरबा नृत्य का मंच खुलेगा जहां गरबा प्रेमियों को—चाहे वे अनुभवी कलाकार हों या पहली बार गरबा कर रहे हों, तारों से जगमगाते उदयपुर के आसमान के नीचे गरबा नृत्य का आनंद ले सकेंगे। वर्कशॉप्स और मुख्य कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को गरबा की लय और भावना से जुडऩे में मदद करना है। सभी लोग, चाहे वे अनुभवी नर्तक हों या उत्साही नए प्रतिभागी, इस नृत्य में शामिल होकर गुजरात की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर से रूबरू हो सकते हैं।

उन्होंने बताया कि नवरात्रि एक त्योहार से कहीं बढक़र है। यह दिलों को जोडऩे का एक ज़रिया है। गरबा और अपनी परंपराओं को उदयपुर लाकर, हम एक आमंत्रण दे रहे हैं, गरबा नृत्य करने का, उत्सव मनाने का और गुजरात की उस सामुदायिक भावना का अनुभव करने का जो सबको एक साथ जोड़ती है। यह आयोजन न केवल मनोरंजन का, बल्कि एक गहन सांस्कृतिक अनुभव का भी वादा करता है जहाँ पीढिय़ाँ एक साथ आती हैं, परंपराएँ साझा की जाती हैं और यादें बनती हैं। यह एक ऐसा उत्सव है जो हमें याद दिलाता है कि संस्कृति साझा करने पर ही सबसे मज़बूत होती है।

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