नागौर नगर परिषद कार्यालय या कृषि उपज मंडी का किसान संग बैलों की जोड़ी की कलात्मक आकृति मनमोहन
**नागौर नगर परिषद कार्यालय
या कृषि उपज मंडी का किसान संग बैलों की जोड़ी की कलात्मक आकृति मनमोहन
*****
वॉइस ऑफ मीडिया की रिपोर्ट टीम आज नागौर शहर भ्रमण दौरान शहर में ही स्थित कृषि उपज मंडी में गए तो कृषि उपज मंडी के मुख्य गेट के सामने एक ऐसी मनमोहन हृदय को छू लेने वाली दो बैलों की जोड़ी और एक किस हाथ में साबू के लिए बहुत ही आकर शक और मनमोहन लगी जिसे कमरे में कैद किए बिना रहना जा सका क्योंकि आधुनिक काल में ट्रैक्टर आने से वर्तमान में किसानों को प्राचीन काल से ज्यादा सुगमता हो गई और बेल जो की आदिकाल से भारत की कृषि अर्थव्यवस्था का केंद्र बिंदु रहे उनकी वर्तमान समय में आवेला कर दी गई और वह डर-डर की ठोकरे खाकर एक खाद्य पदार्थ समय ही कल के मुंह में चले जाते हैं और नगर परिषद के सफाई कर्मचारी उसे सफाई दौरान मशीनों से अनंत दूर डाल दिया जाता है यह गोवंश के लिए अत्यंत थी सोचनीय विचारणीय बिंदु है लेकिन इस मुक्त जीव जो की सुख घास खाकर औरथोड़ा सा अनाज खाकर मनुष्य को अमृत अमृत नहीं दुख देती है लेकिन अब एक ऐसा दौर आ रहा आ चुका की गोवंश में गाय की भी दुर्दशा हो रही है और बैल की भी दो दशा हो रही है जोगी हम मानव जाति के लिए कंलंक समान है।
इस गंभीर पर मनुष्य जाति का अर्थ और आईटीआई इसी को वंश के माध्यम से होता है इसलिए हम सब मनुष्यों का यह कर्तव्य बनता है ।कि हम गोवंश के संरक्षण की विशेष व्यवस्थाएं बनाई जावें। जिससे कि गोवंश भी बचाया जा सकता है ❓
और हमारे मानव सभ्यता की बची रहें।।।।।
रिपोर्टर,,,, वॉइस ऑफ़ मीडिया राजस्थान शिंभू सिंह शेखावत ।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें