समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक अनूठी तांत्रिक पूजा का आयोजन किया।

 समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक अनूठी तांत्रिक पूजा का आयोजन किया।


 संवाददाता वाराणसी उत्तर प्रदेश साक्षी सेठ


वाराणसी गुरुवार को शास्त्रीघाट, वरुणापुल पे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने एक अनूठी तांत्रिक पूजा का आयोजन किया। समाजवादी पार्टी के नेता जीशान अंसारी ने बाताया की देश के लोकतंत्र के प्रहरी माने जाने वाले चुनाव आयोग पर आज न केवल राजनीतिक दबाव है, बल्कि उस पर भाजपा का बुरा साया और सत्ता का प्रेत भी मंडरा रहा है। जनता का विश्वास टूट चुका है क्योंकि यह संस्था अब निष्पक्ष नहीं, बल्कि सत्ताधारी दल का सेवक बन चुकी है। इसी साये को हटाने और इस संस्था में फिर से निष्पक्षता का प्रकाश लाने के लिए, हम समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सांकेतिक और प्रतिरोधात्मक तांत्रिक पूजा का आयोजन किया। अधिवक्ता अभिषेक झा व आनंद यादव ने बताया कि पूजा का उद्देश्य सिर्फ़ एक था, इस संस्था पर से भाजपा का बुरा साया और सत्ता का प्रेत हटाना, ताकि यह फिर से जनता के लिए काम करे, न कि सत्ता के इशारे पर। भारत के संविधान ने चुनाव आयोग को देश की लोकतांत्रिक रीढ़ की हड्डी बनाया, लेकिन आज यह रीढ़ झुक चुकी है सत्ता के दरबार में। यह संस्था, जो जनता के वोट की रखवाली करने के लिए बनी थी, आज वोट की डकैती और लोकतंत्र की हत्या में साझेदार बन गई है। लोकतंत्र किसी संस्था की जागीर नहीं, यह 140 करोड़ भारतीयों का हक है। अगर सत्ता और उसके दलाल सोचते हैं कि वे जनता की आवाज़ को कुचल देंगे, तो याद रख लें हम समाजवादी लोग चुप नहीं बैठेंगे, हम झुकेंगे नहीं, और हम रुकेंगे नहीं। विपक्षी नेताओं पर नोटिस और पाबंदियों की बौछार, जबकि सत्ताधारी दल की चुनावी गुंडागर्दी पर चुप्पी। सपा नेता शुभम सेठ ने बाताया देश की लोकतांत्रिक मर्यादा और जनता के अधिकारों के हनन के खिलाफ आज हमलोंग खुलकर आवाज़ उठा रहे हैं। चुनाव आयोग, जो संविधान के अनुसार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है, आज अपनी ही भूमिका से भटककर सत्ताधारी दल के इशारों पर काम करता नज़र आ रहा है। वोटर लिस्ट से लाखों नाम काटकर जनता के अधिकारों की लूट, सरकारी मीडिया और संसाधनों का सत्ताधारी दल के प्रचार में खुला इस्तेमाल, ये सब सिर्फ़ ग़लतियाँ नहीं बल्कि ये सुनियोजित धोखा है, जनता के साथ गद्दारी है। हम साफ़ कहते हैं अगर चुनाव आयोग ने अपनी यह काली करतूतें तुरंत बंद नहीं कीं, तो हम सड़क से संसद तक आंदोलन करेंगे। हर गली, हर चौक, हर शहर में जनता का हुजूम उठेगा, और यह लड़ाई सिर्फ़ चुनाव की नहीं, बल्कि संविधान बचाने की होगी। यह सिर्फ़ चेतावनी नहीं बल्कि यह एलान है।जनता अब जाग चुकी है, और जब जनता उठती है तो बड़े-बड़े सिंहासन हिल जाते हैं। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अधिवक्ता अमरेंद्र पांडेय, प्रभाकर यादव, जवाहर यादव, विमल मिश्रा, उरूज़ रफी, कैफ, ओवैस, रितेश गुप्ता, जावेद, जीशान आदि शामिल रहे

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