नीम का थाना के निकट पाटन गांव में अल सुबह से ही वर्षों का दौर जारी

 *नीम का था


ना के निकट पाटन गांव में अल सुबह से ही वर्षों का दौर जारी*****

आज नीमकाथाना के निकटवर्ती गांव पाटन में कल सुबह से ही वर्ष का दौरा जारी है , और यह आगामी खरीफ की फसल के लिए बहुत ही लाभदायक रहेगी। इससे यहां के ग्रामीण जो की खेती-बाड़ी से संबंध रखते हैं, उनके चेहरे खिले।

लगभग 8 महीना सुखी रहने वाली धरा अर्थात धरती को अब इन वर्षा के मौसम में ईश्वर का अमृत रूपी जल मिलता है हमारे नीम का थाना के पूर्वोत्तर यानी कोटपूतली से पहले जमीन में मीठा पानी नहीं है, यदि है तो हजारों फीट गहराई में है। 

नीमकाथाना में वैध और अवैध हजारों की संख्या में क्रेशर लगे हैं! जिनके कारण जमीन के पानी का जलस्तर भयानक गिरते हुए स्तर पर है। 

पाटन ग्राम वासी जो वर्षों से पीड़ित व्यक्ति और बेचैन है, व्यथीत है ,इस इस प्राकृतिक संतुलन को प्रत्यक्ष तौर पर नुकसान पहुंचाने वालों की  *बेहताशा वृर्दी/एकाएक बहुसंख्यक लोग** बड़े उद्योगपतियों एवं कई अन्य जन प्रतिनिधि गण एवं कई उच्च प्रशासनिक सेवाओं में किसी अपने परिजन की आड़ का लाभ लेते हुए अरावली पर्वत श्रंखला जिस की इतिहास और राजस्थान की भौगोलिक स्थिति के अध्यायों के रूप में विद्यार्थियों को सिखाया जाता था।। उसे अब समाप्त ही इन पूंजीपति वर्गों ने धन के लालच में स्वयं तो संपूर्ण ऐश्वर्यादि एवं सुख सुविधाजनक जिंदगी जीते हैं । और उनके परिवार वाले जिएंगे । क्योंकि संपत्ति भी तो अथाह इकट्ठी इन्होंने कर ली है ।।।***लेकिन लाखों लोगों को के जीवन के साथ खिलवाड़ इसका जिम्मेवार कौन खनन विभाग या खनन का लीजधारक/कारोबारी या राज्य सरकार और भारत सरकार इनमें से कौन है जिम्मेवार इन लाखों लोगों के स्वास्थ्य का**⁉️ जो की आगामी वर्षों में इसके भयंकर परिणाम सामने आएंगे आईने के कारण हमारी मुख्य फसल खरीफ की और अन्य फलों तथा सब्जियों के क्यारियों तक डस्ट जो कि वातावरण में 24 घंटे छाया रहता है, सिर्फ एक इस वर्षा के मौसम में वह एड्रेस वर्ष के साथ जमीन पर आ जाता है ।अन्यथा इन हजारों की संख्या में वैध, अवैध क्रेशरों के अंधाधुंध खनन के कारण वायुमंडल के सबसे निचले स्तर क्षोभ मंडल को प्रदूषित हो रहा है। जिसके कारण यहां के ग्राम वासियों का कहना है, कि अब यहां वर्षा इतनी उतनी नही होती , ग्रामीणों ने तो यहां तक बताया,,, कि यहां लगभग 10 वर्षों पूर्व इतनी वर्षा होती थी। की नदियां उफान पर रहती थी । और *सीकर जिले का एकमात्र बांध रायपुर बांध भी अब अतिक्रमण की भेंट हो गया है*। क्योंकि उसमें जितना भराव क्षमता जल आना चाहिए। वह तो आता ही नहीं, क्योंकि उसके आसपास के लोगों ने अवैध तरीके से पानी को रोकने एनीकट बनाकर रास्ता अवरुद्ध करके अपने खेतों की ओर ले जाया गया जिससे कि बांध को पर्याप्त पानी नहीं मिलता और बांध में भी पर्याप्त पानी आना चाहिए । वह नहीं आता।। जिसके कारण नीम का थाना विधानसभा क्षेत्र के आसपास के नलकूपों , ट्यूबवेल वालों  और अन्य जलाशयों का जलस्तर डार्क जोन से भी ऊपर ही है। अतः है श्रीमान, मुख्यमंत्री कार्यालय जयपुर राजस्थान सरकार से अनुरोध एवं आग्रह है कि नीमकाथाना और कोटपूतली के मध्य के आसपास के क्रेशर जोन जो की बेलगाम हमारे प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ रहे हैं। उनको यदि नहीं रोका गया, तो वह दिन दूर नहीं ।जब कोटपूतली, नीमकाथाना ,बहरोड़, सीकर तक अस्थमा अर्थात श्वास के रोगियों की संख्या में इतना इजाफा होगा की आने वाले कुछ ही वर्षों में मनुष्य जाति के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव अब भी है,  और भी भयानक रूप से होगा ।।। क्योंकि वर्ष में लगभग 8:30 महीने वायुमंडल में यह हानिकारक डस्ट छाया ही रहता है जो की समस्त संजीवों के लिए हानिकारक है जिसका खामियाजा  आमजन व बेकसूर 8 वर्ष से लेकर 60 वर्ष तक आयु के आम जन जनता भुगत रही है।


इलेक्ट्रिक न्यूज़ रिपोर्टर शिंभू सिंह शेखावत सीकर नीम का थाना राजस्थान ।

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