फ्लाइंग मस्टैंग्स ऑफ़ आरटीयू ने बोइंग नेशनल एरोमॉडलिंग प्रतियोगिता में उड़ान भरी ऊँची*


*फ्लाइंग मस्टैंग्स ऑफ़ आरटीयू ने बोइंग नेशनल एरोमॉडलिंग प्रतियोगिता में उड़ान भरी ऊँची*



*खेल प्रतिस्पर्धा में सकारात्मक भावना से विद्यार्थी का होता हैं सर्वांगीण विकास : प्रो निमित चौधरी, कुलगुरु*


कोटा, 13 नवम्बर 2025, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू), कोटा के फ्लाइंग मस्टैंग्स एरोमॉडलिंग क्लब ने बोइंग नेशनल एरोमॉडलिंग प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया। आरटीयू के सह जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि यह प्रतियोगिता आईआईटी गांधीनगर में 8 और 9 नवम्बर 2025 को आयोजित की गई।इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में गोवा, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से कुल 341 टीमों ने भाग लिया। प्रतियोगिता की समस्या-विवरण में टीमों को एक कार्गो विमान डिजाइन और तैयार करने का कार्य दिया गया था, जो 800 ग्राम के भार सीमा में रहते हुए अधिकतम पेलोड (भार) उठा सके तथा 1.5 का न्यूनतम थ्रस्ट-टू-वेट अनुपात बनाए रखे। इसके अतिरिक्त, विमान में एक पेलोड ड्रॉपिंग मैकेनिज्म होना आवश्यक था, जो दिए गए समय में सटीकता से भार छोड़ सके। यह चुनौती डिजाइन, यांत्रिक नियंत्रण और उड़ान संतुलन — तीनों का परीक्षण थी। कुलगुरु प्रो निमित चौधरी ने छात्रों को शुभकामनायें प्रदान करते हुए कहा कि आईआईटी गांधीनगर के अमालथिया टेकफेस्ट के अंतर्गत आयोजित यह प्रतियोगिता देशभर के छात्रों में एयरोस्पेस नवाचार और व्यावहारिक इंजीनियरिंग को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है। फ्लाइंग मस्टैंग्स के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन ने न केवल आरटीयू कोटा को राष्ट्रीय स्तर पर गौरवान्वित किया, बल्कि विश्वविद्यालय को एरोमॉडलिंग और रोबोटिक्स के क्षेत्र में अग्रणी स्थान पर स्थापित किया है।


आरटीयू कोटा की ओर से 30 छात्रों की 8 टीमें फ्लाइंग मस्टैंग्स क्लब के तहत प्रतियोगिता में उतरीं। कुल 22 टीमों ने आगे के राउंड के लिए क्वालीफाई किया, जिनमें से 5 टीमें आरटीयू की थीं। फाइनल परिणामों में आरटीयू की 4 टीमों ने शीर्ष 10 में स्थान प्राप्त किया, जो टीमवर्क और तकनीकी दक्षता का प्रमाण है। क्लब ने इस उपलब्धि से कुल ₹35,000 का पुरस्कार भी जीता। निर्धारित मानकों को पूरा करने के लिए टीमों ने बाल्सा वुड, कार्बन फाइबर और फोम कॉम्पोज़िट्स का उपयोग करते हुए हल्के परंतु मजबूत विमान तैयार किए। डिजाइन के दौरान एरोडायनामिक दक्षता, संतुलन और स्थिरता पर विशेष ध्यान दिया गया। पेलोड छोड़ने की सटीकता के लिए छात्रों ने सर्वो मोटर आधारित और स्प्रिंग-रिलीज मैकेनिज्म विकसित किए, जिससे विमान उड़ान के दौरान सटीक समय पर पेलोड गिरा सके। यह सफलता प्रो. अंशुल खंडेलवाल, क्लब के फैकल्टी कोऑर्डिनेटर, के मार्गदर्शन और कुलपति डॉ. निमित रंजन चौधरी के प्रोत्साहन से संभव हुई। दोनों ने छात्रों को तकनीकी मार्गदर्शन और निरंतर सहयोग प्रदान किया।


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