पालन विभाग मक्कारी कायम -

 मुख्य मंत्री क्या?अभी तो पशु पालन विभाग मक्कारी कायम -



- कैलाश चंद्र कौशिक                    जयपुर। प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में हरेक को एक छत के नीचे न्याय मिले, उद्देश्य से प्रशासन गावों की ओर, कार्यक्रमों का जोर शोर से आगाज हुआ। लेकिन माननीय मुख्यमंत्री जी के उसूलों को नाकामी दिलाने की कसम ,पशु पालन अधिकारियो और डीलिंग कर्मिओं ने, खाई है और बखूबी निभा भी रहे हैं? यह तो आई. ए. एस. के आदेशों का भी परीक्षण कर, रद्दी की टोकरी में डालने के आदि हैं?                            यह राजकीय प्रशासनिक संस्था ग्राम पंचायत को पूर्व में भी पशु पालन अधिकारी, नकार चुके हैं ? जिसका ज्वलंत उदाहरण है 02/01/1998 की रिपोर्ट है, कि जो पूर्णत: सरपंच, सचिव के ड्यूटी पर उपस्थिति के बयानों को सही जानते /मानते हुए भी खिलाफ रिपोर्ट दी गई?? जिसका ग्राम पंचायत बालेर और कुरेडी, वार्ड क्रमांक -19 पंचायत समिति, खंडार (सवाई माधोपुर) ने रिकॉर्ड पर आदेश क्रमांक - spl - 1 /बालेर/दिनांक- 22/08/25 में उल्लेख किया है? इसी लिए क्रमांक - 96 ग्राम पंचायत, बालेर दिनांक - 09/05/2025 को भी और आर. टी.आई.तहत्  उपस्थिति दर्ज की प्रमाणित प्रतियां मिली हैं?? यह रिकॉर्डेड हैं। माननीय यह सरपंच, सचिव के बयान नहीं है?? जिन्हें अमान्य कर दिया जाए.. यह ग्राम पंचायत आदेश हैं, यह एक संवैधानिक संस्था है, श्रीमान् जिला विकास अधिकारी एवं जिला मजिस्ट्रेट महोदय द्वारा न्याय की उम्मीद हाल वरिष्ठ पत्रकार को है!

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