सौ वर्षों पूर्व से जारी परम्परा नृसिंह लीला मंचन
सौ वर्षों पूर्व से जारी परम्परा नृसिंह लीला मंचन
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सौ वर्षों पूर्व से जारी नृसिंह लीला महोत्सव परम्परा उदयपुरवाटी क्षेत्र में लगातार चली आ रही है इस लीला के मंचन में आसपुरा गांव का ब्राह्मण परिवार अपनी सेवाएं दे रहा है
परिवार के महेश कुमार शर्मा रासधारी ने बताया सौ वर्षों पूर्व सिद्ध संत ने हमारे पूर्वजों को धर्म प्रचार के लिए नृसिंह लीला मंचन का आशीर्वाद प्रदान किया तब से हमारा परिवार लगातार इस परम्परा का निर्वहन कर रहा है आसोज माह की नवमी तिथि से यह कार्यक्रम शुरू होता था जहाज मणकसास पचलंगी गुडा पौंख अडवाणा व क्षेत्र के अनेक गांवों में यह कार्यक्रम होता था
वर्षों पूर्व परिवार का आजीविका उपार्जन का यहीं एकमात्र साधन हुआ करता था अब परिवार के लोग राजकीय सेवा व्यापार आदि में कार्य करतें हैं इसलिए समय अभाव के कारण अब यह परम्परा कुछ गांवों तक ही सीमित रह गयी है लीला में भगवान् के चोबीस अवतारों की लीला का मंचन श्रीहरि विष्णु एवं भगवान गणेश की झांकी के साथ होता है फिर हनुमान , हनुमान राम रावण सेना वराह अवतार मच्छावतार ब्रह्मा हिरण्यकशिपु का यज्ञ विध्वंस एवं अनेक अवतार मंचन के साथ नृसिंह अवतार की झांकी के साथ समाप्त होता है लीला के मुकुट मणकसास में तैयार करनें का कार्य नाथूराम सैन का परिवार पीढीयों से कर रहा है अन्य गांवों में मणकसास के ही कार्यकर्ता लीला में सहयोग प्रदान करतें हैं आमजन नृसिंह भगवान से मनो इच्छा पूरी होने पर मीठे तेल की मशाल जलाकर प्रसाद अर्पित करतें हैं..…..…..

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