मौसमी बीमारियों के रोकथाम में कोताही बरतने पर होगी कार्रवाई- डॉ बामनिया

 मौसमी बीमारियो को लेकर विडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा आमुखीकरण


मौसमी बीमारियों के रोकथाम में कोताही बरतने पर होगी कार्रवाई- डॉ बामनिया



सुनील कुमार मिश्रा दैनिक शुभ भास्कर राजस्थान उदयपुर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ शंकर एच बामनिया ने बताया कि मौसमी बीमारियो की रोकथाम हेतु आज विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक ली गयी जिसमें सभी खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, सीएचसी पीएचसी के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, बीपीएम एलएचवी, सेक्टर हेल्थ सुपरवाइजर और एएनएम ने भाग लिया।


 सीएमएचओ  डॉ शंकर एच बामनिया ने बताया कि आज मौसमी बीमारियो की रोकथाम हेतु की जा रही गतिविधियों को लेकर खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों से अलग अलग चर्चा की गयी।

तथा कहा कि संबंधित क्षेत्र में अगर मौसमी बीमारियों के रोकथाम में कोताही बरतने पर संबंधित चिकित्सक एव बीसीएमओ विरुद्ध होगी कार्यवाही 


सभी को निर्देश दिए गए कि खण्ड स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना कर प्रत्येक संस्थान पर रेपीड रिस्पांस टीम का गठन किया जाये।

एएनएम और आशाओं द्वारा घर घर सर्वे करवा कर प्रति दिन रिपोर्ट लेकर जिला स्तर पर भिजवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

किसी भी प्रकार के मौसमी बीमारियो का प्रकोप किसी क्षेत्र में होने पर शीघ्रातिशीघ्र उसकी सूचना उच्च अधिकारियों को देना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए सभी खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों से अपने क्षेत्र का माइक्रो प्लान बना कर प्रति दिन की जा रही गतिविधियों की सूचना जिला स्तर पर भिजवाने के निर्देश दिए अपने क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों के लगातार संपर्क में रह कर क्षेत्र की रिपोर्ट प्राप्त करने के निर्देश दिए मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया और स्क्रब टाइफस से ग्रसित रोगियों के घरों और आसपास के क्षेत्र में सोर्स रिडक्शन एक्टिविटी, एंटी लार्वल और एंटी एडल्ट एक्टिविटी करवाने के निर्देश दिए।

मौसमी बीमारियो से बचाव हेतु आईईसी द्वारा प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए।

डिप्टी सीएमएचओ डॉ विक्रम सिंह ने बताया कि बरसात होने से गांवों में पानी इकट्ठा होने से मच्छरों के पनपने की अधिक संभावना रहती है अतः लोगो को जागरूक करें कि पानी इकट्ठा नहीं होने दे। समय समय पर फोगिंग करवायी जाये।

चिकित्सा संस्थानो पर मास्कीटो नेट वार्ड की स्थापना की जाये।

किसी भी संस्थान पर दवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए।

क्षेत्र में नदी नालों का पानी पीने के काम नहीं आये यह सुनिश्चित करें।

मौसमी बीमारियो से ग्रसित रोगी की एक्शन टेकन रिपोर्ट जिला स्तर पर समय पर भिजवाना सुनिश्चित करें।

किसी प्रकार के मौसमी बीमारियो का प्रकोप होने पर खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

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