संस्कृतिक सृजन पखवाड़ा मनाया
संस्कृतिक सृजन पखवाड़ा मनाया
उदयपुर जनतंत्र . की आवाज विवेक अग्रवाल। पाथेय संस्थान, उदयपुर की ओर से कला साहित्य संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग राजस्थान सरकार द्वारा आयोजित सांस्कृतिक सृजन पखवाड़ा मनाएं जाने के उद्देश्य से
सांस्कृतिक सृजन पखवाड़े के एवं
पाथेय संस्थान उदयपुर
के संयुक्त तत्वावधान में
एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई । जिसकी मुख्य अतिथि पूर्व डीआईजी जेल प्रीता भार्गव , अध्यक्ष डॉक्टर सीपी अग्रवाल पूर्व रजिस्ट्रार, राजस्थान विद्यापीठ, विशिष्ट अतिथि पुरुषोत्तम शाक द्बीपी,
"प्रेमी"वरिष्ठ साहित्यकार , डॉक्टर कुंदन माली वरिष्ठ कहानीकार थे एवं अति विशिष्ट अतिथि बसंत सिंह सोलंकी सचिव राजस्थान साहित्य अकादमी थे। समारोह का प्रारंभ मनमोहन मधुकर ने सरस्वती वंदना से किया। विषय प्रवर्तन एवं अतिथियों का स्वागत संस्था की सचिव वरिष्ठ ग़ज़लकार डॉ मधु अग्रवाल ने किया। मधु अग्रवाल ने कहा कि युग परिवर्तन के साथ साहित्य की विधाओं में भी परिवर्तन आता गया । अकादमी के सचिव डाक्टर बसंत सिंह सोलंकी ने कहा कि अकादमी भाषा के प्रचार-प्रसार का ऐसा माध्यम है जो जन सामान्य के लिए उपलब्ध है। पाठकों को अकादमी तक पहुंचाने के लिए ही पखवाड़ा मना रहे हैं।
कार्यक्रम में संस्कृत अकादमी की निदेशक लता श्रीमाली, सृजन पखवाड़े की समिति से अवधेश कुमार एवं ममता माथुर ने विचार व्यक्त किए।
वरिष्ठ लेखिका एवं कवयित्री डॉ मंजू चतुर्वेदी ने कहा कि हिन्दी भाषा स्थानीय बोलियों और देशी विदेशी भाषाओं के शब्दों से समृद्ध है। हिन्दी की दृष्टि और प्रवृत्ति समावेशी स्वभाव की है।
उर्दू भाषा साहित्य की वरिष्ठ लेखिका सरवत खान ने कहा कि भाषा का समुचित तरीके के से लेखन और लिखे हुए का पाठकों तक पहुंचना ही उसकी ताकत है
श्रीमती रागिनी पानेरी ने कहा कि हिन्दी के प्रचार के लिए मीडिया सबसे प्रभावी माध्यम है।
डॉक्टर इंदिरा जैन ने निराला की कविता में भाषा कौशल की बात की।
डॉक्टर शाहिद शेख एवं अनुभूति जैन ने अपनी कविता से इस कार्यक्रम को नया रंग दिया।
विशिष्ट अतिथि आलोचक एवं राजस्थानी के कवि डाॅकुंदन माली ने कहा कि देश में चुनिंदा रचनाकार ऐसे हुए जिन्होंने साहित्य की एकाधिक विधाओं में लिख कर यह उदाहरण प्रस्तुत किया कि हर विधा का अपना शिल्प होता है। धर्मवीर भारती एवं अज्ञेय का साहित्य में विशेष स्थान है।
कार्यक्रम में डॉक्टर हरीश डॉक्टर सुधा जैन, सुनील टांक मुश्ताक चंचल, मनोहर श्रीमाली, श्रीमती पुष्पा अग्रवाल, अकादमी से रामदयाल मेहरा, राजेश मेहता उपस्थित थे। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ सरिता जैन ने किया एवं आभार अकादमी से रामदयाल मेहरा ने किया ।

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