मिला सम्मान एवं पुरस्कार! बहादी काव्यरसधार! वाह स्वर्णकार! ...

 मिला सम्मान एवं पुरस्कार!

बहादी काव्यरसधार!

वाह स्वर्णकार!

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चूरू

14 सितंबर 2025

'हिंदी साहित्य संसद, चूरू' द्वारा आयोजित गरिमामय पुरस्कार एवं सम्मान समारोह में ऐतिहासिक नगरश्री प्रांगण में बीकानेर के हिंदी राजस्थानी के लोकप्रिय छंदज्ञ कवि गीतकार ग़ज़लकार गायक कंपोज़र राजेन्द्र स्वर्णकार को 'जनकवि प्रदीप शर्मा साहित्य सम्मान और पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। स्वर्णकार ने ग्यारह हज़ार रुपये की राशि वाला यह सम्मान अपने माता पिता को समर्पित करते हुए -

'अम्मा धरती रूप है, बाबूजी आकाश।' 

'धरती पर मां बाप में ईश्वर है साकार।'

- दो भावमय दोहे प्रस्तुत किए।

अपने 25 मिनट के काव्यपाठ में श्री स्वर्णकार ने विविध छंदों गीत ग़ज़लों की सस्वर प्रस्तुतियां दीं। उपस्थित वरिष्ठ प्रबुद्धजनों, विशिष्ट अतिथियों, कवियों, शायरों की भरपूर प्रशंसा के साथ श्रोताओं की अनवरत करतल ध्वनि से उनका बराबर स्वागत सम्मान होता रहा।

अध्यक्षीय उद्बोद्धन में वरिष्ठ शिक्षाविद श्री बाबूलाल शर्मा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोद्धन में राजेन्द्र स्वर्णकार की विलक्षण काव्य एवं सांगीतिक प्रतिभा की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए उन्हें अद्भुत एवं श्रेष्ठ रचनाकार बताया। उन्होंने स्वर्णकार के सरस मधुर काव्यपाठ को और सुनते रहने की उत्कंठा एवं प्यास का उल्लेख किया। मुख्य अतिथि कुमार अजय उपनिदेशक, सूचना-जनसंपर्क विभाग, जयपुर ने भी स्वर्णकार के काव्य गुणों से वर्षों से परिचित होने की बात कही।

तीन घंटे से अधिक चले इस आयोजन में स्थानीय कवियों ने भी काव्यपाठ किया तथा कोलकाता के कवि जय कुमार रुसवा को भी 'रामादेवी भगीरथ प्रसाद मरदा स्मृतिकोष सम्मान' प्रदान किया गया।


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