राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा में आयोजित एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
*राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा में आयोजित एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
विषय: “नीति से परिवर्तन तक – राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पाँच वर्ष”
**राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने भारतीय शिक्षा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का मार्ग प्रशस्त किया : प्रो. भगवती प्रसाद सारस्वत, कुलगुरु
*कोटा, 13 सितम्बर 2025। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा में शनिवार को एकदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था – “नीति से परिवर्तन तक : राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 के पाँच वर्ष”। इस अवसर पर शिक्षा नीति के लागू होने के बाद बीते पाँच वर्षों में आए बदलावों और भविष्य की संभावनाओं पर गहन विचार-विमर्श हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय परिवार द्वारा मुख्य अतिथियों के स्वागत एवं पारंपरिक दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। संगोष्ठी में विद्वानों, शिक्षाविदों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। माननीय कुलगुरु प्रो. भगवती प्रसाद सारस्वत ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने देश की शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक परिवर्तन लाकर भारतीय शिक्षा को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने उच्च शिक्षा में बहु-विषयक अध्ययन, कौशल आधारित शिक्षा और अनुसंधान के महत्व पर बल दिया।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता प्रो. नारायण लाल गुप्ता ने अपने व्याख्यान में नई शिक्षा नीति के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह नीति केवल शैक्षणिक ढांचे को नहीं बदलती, बल्कि विद्यार्थियों को समग्र विकास का अवसर भी प्रदान करती है। उन्होंने पाँच वर्षों की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति, मातृभाषा-आधारित शिक्षा और कौशल विकास को विशेष रूप से बढ़ावा मिला है। इस अवसर पर जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रोफेसर निमित रंजन चौधरी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने शिक्षा नीति 2020 में अनुसंधान एवं नवाचार की भूमिका पर बल देते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को सृजनात्मक और शोधमुखी बनाना समय की आवश्यकता है और इसी दिशा में यह नीति महत्त्वपूर्ण योगदान दे रही है।
कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन की चुनौतियों और सफलताओं पर विचार साझा किए। वक्ताओं ने इस नीति को जमीनी स्तर पर और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि प्रत्येक विद्यार्थी तक शिक्षा के समान अवसर पहुँच सकें। कार्यक्रम में डीन फैकल्टी अफेयर्स प्रोफेसर दिनेश बिरला मंचासीन रहे तथा डॉ. मनीष चतुर्वेदी ने सभी गणमान्य अतिथियों, शिक्षकों और विद्यार्थियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। यह संगोष्ठी न केवल शिक्षा नीति 2020 के पाँच वर्ष पूरे होने का उत्सव रही, बल्कि आने वाले वर्षों में शिक्षा जगत की दिशा तय करने में भी मील का पत्थर साबित होगी।


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