आचार्य श्री विजयराज जी म.सा. के प्रवचन: व्रत से धैर्य और शांति की प्राप्ति - जैन मुनि आदित्य सागर का मांगियावास का14 सितंबर को आगमन
*आचार्य श्री विजयराज जी म.सा. के प्रवचन: व्रत से धैर्य और शांति की प्राप्ति - जैन मुनि आदित्य सागर का मांगियावास का14 सितंबर को आगमन
* -- कैलाश चंद्र कौशिक
जयपुर! जवाहर नगर में ‘प्रवचन मंडपम्’, नवकार भवन चातुर्मासिक प्रवचन-2025 के अंतर्गत पूज्य आचार्य भगवन् 1008 श्री विजयराज जी म.सा. ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि व्रत मनुष्य के चंचल मन को वश में करने का सबसे सशक्त साधन है।
आचार्य श्री ने बताया कि व्रत से जीवन में दो बड़े लाभ मिलते हैं
*असीम धैर्य* : व्रत मन को नियंत्रण में रखकर धैर्यवान बनाता है।
*अगाध शांति* : व्रत की ऊर्जा व्यक्ति को संतोष, संयम और जीवन की नियमितता प्रदान करती है।
उन्होंने कहा कि बुढ़ापा सालों में नहीं, बल्कि खयालों में आता है। व्रत निरर्थकता से बचाते हैं और वाणी पर संयम लाकर पापों से दूर रखते हैं। व्रत को उन्होंने “प्रकृति का सबसे बड़ा उपहार” बताया।
प्रवचन के अंत में महासती नेहा श्री जी म.सा. द्वारा पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर देकर श्रोताओं ने मुख्य बिंदुओं की पुनरावृत्ति की। धर्मसभा में देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
इस अवसर पर "गणधर की आराधना - गुणधर बनने की साधना" कार्यक्रम भी हुआ तथा कई श्रावक-श्राविकाओं ने विविध प्रत्याख्यान और तपस्याओं का आयोजन किया।
धर्मसभा के अंत में संघ अध्यक्ष महेश दस्सानी और महामंत्री नवीन लोढ़ा ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। आगामी दिनांक 14 सितंबर को प्रातः 6:15 बजे मुनि आदित्य सागर जी महाराज संसघ सहित मुनि सुवतनाथ दिगंबर जैन मंदिर मांगियावास पधारेंगे

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