डेंगू रोग में रामबाण औषधि है पपीता।
डेंगू रोग में रामबाण औषधि है पपीता।
पपीते का पारंपरिक रूप से कई औषधीयो में उपयोग किया जाता हैं इसका विशेष रूप से उपयोग पाचन संबंधी समस्याओं से राहत पाने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और हृदय रोग व कुछ कैंसर से बचाव के लिए किया जाता है। पपीता भूख और शक्ति बढ़ाता है यह प्लीहा, यकृत आदि को रोगमुक्त बनाता है तथा यह पीलिया जैसे रोगाें से भी मुक्ती दिलाता है। कच्ची अवस्था में यह हरे रंग का होता है और पकने पर पीले रंग का हो जाता है। इसके कच्चे और पके फल दोनों ही का उपयोग किया जाता हैं इसके अलावा, पपीते में सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं और इसके पत्तों जैसे विशिष्ट भागों का उपयोग डेंगू बुखार और अन्य बीमारियों के इलाज में किया जाता है।
श्री भगवानदास तोदी महाविद्यालय के वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र कांटिया ने बताया कि पपीता प्रकृति का एक अनूपम उपहार है जिसका वानस्पतिक नाम केरिका पपाया है जो केरीकेसी कुल का सदस्य है इसमें उपस्थित मुख्यतः पपेन नामक एंजाइम की प्रचुर मात्रा और विटामिन व एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा के कारण यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है।
पपेन नामक एंजाइम पपीते के पाचन संबंधी गुणों का मुख्य घटक है। यह प्रोटीन को तोड़कर पाचन में सहायता करता है और अपच, सूजन और कब्ज से राहत दिलाता है। पपीते में उपस्थित फाइबर और एंजाइम गतिविधि स्वस्थ मल त्याग और समग्र आंत स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं।
पपीता रोग प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है क्योंकि इसमें विटामिन ए और सी की प्रचुर मात्रा पाई जाती है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण हैं और सर्दी-ज़ुकाम जैसे संक्रमणों के जोखिम को कम करते हैं। विटामिन A और C जैसे एंटीऑक्सीडेंट, फाइबर के साथ मिलकर कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को रोकने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं। कैंसर की रोकथाम में पपीता, विशेष रूप से उपयोगी है पपीते के पत्तों का अर्क, कुछ कैंसर, जैसे कोलन कैंसर, को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पपीते में पाया जाने वाला एक एंटीऑक्सीडेंट, ज़ेक्सैंथिन, उम्र से संबंधित मैकुलर डिजनरेशन और अन्य नेत्र रोगों से बचाने में लाभदायक होता है। पपीते के पत्तों का रस डेंगू बुखार का एक पारंपरिक उपाय है क्योंकि यह प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाता है और बुखार कम करता है। पपीते में उपस्थित पपेन और एंटीऑक्सीडेंट पूरे शरीर में सूजन को कम करने में उपयोगी होता हैं। पपीते में उपस्थित विटामिन A, C और E त्वचा को कसने और झुर्रियों की रोकथाम में उपयोगी हैं। कुछ संस्कृतियों में, पपीते का उपयोग जलने, चकत्ते और कटने के इलाज के लिए किया जाता है। पपीते में कम शर्करा और उच्च फाइबर सामग्री की उपस्थिति मधुमेह रोग से पीड़ित लोगों में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में उपयोगी होती है।
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