लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के पिछली राजस्थान सरकार ने पैसे हजम कियें
*लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के पिछली राजस्थान सरकार ने पैसे हजम कियें
* राजस्थान की पिछली अशोक गहलोत सरकार जो कई नाम से जानी जाती है ⁉️ लीक सरकार,लाल डायरी के द्वारा चलने वाली सरकार ,लगभग 4 माह पश्चिमी राजस्थान की होटल में चलने वाली सरकार, आदि आदि नाम से राजस्थान के विभिन्न व्यक्तियों के मुंह पर सुनी जाती है। कांग्रेस भाजपा के राजनीतिक युद्ध में चौथे स्तंभ के पैसे भी सरकार जेडीए की आड़ देकर डकारें गयें , आश्चर्य जनक बात यह है की अशोक गहलोत ने अपनी सरकार के अंतिम चरण में मीडिया कर्मियों के ₹ रोकने के लिए जेडीए से दूसरी दफा कहां गया। यानी पुनः डुप्लीकेट पिंक सिटी प्रेस एनक्लेव योजना,नायला के नाम पर प्रदेश के 1109 पत्रकारों के आवास के नाम पर ₹10000- ₹10000 के ड्रा फ्ट बुक करवा लिए गए। बुकिंग लिस्ट जो लगभग 110 लाख रुपए होते हैं। जमा किए गए पैसों की रसीदें रखी है, पत्रकारों के पास ।।। अपनी मांग को लेकर मीडिया कर्मी अब जेडीए पर धरना देने के अलावा कोई चारा नहीं।।।। शपथ पत्र देकर दावा किया है ।की प्राप्ति करने किसी भी पत्रकार से कोई अग्रणी ओके की राशि नहीं जमा की। इस खुद-ब-खुद डकारें,,, इस के बाद सवाल उठा रहा है अगर जेडीए को पैसा नहीं दिया गया था।।।।।। तो 110 लाख रुपए कहां और किसके खाते में चलें गये ,और कहां जमा है। इसका जवाब कौन देगा⁉️⁉️⁉️⁉️ क्या मुख्यमंत्री भजनलाल देंगे ❓या पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत देंगे ❓या जेडीसी ,जेडीए के उपायुक्त जगदीश नारायण यादव ❓रेरा में इस आशय का शपथ पत्र पेश किया ।।।।योजना के लिए विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के तुरंत बाद जेडीए की वेबसाइट से योजना और उन्होंने शपथ पत्र में यह कहा है। किस पत्रकार ने या मीडिया कर्मी ने कोई पैसा जमा किया जबकि हकीकत यह है 1 , अक्टूबर 2023 को रविवार के छुट्टी के दिन गहलोत सरकार ने आनन-फानन में इस योजना की घोषणा की ।।। बिना किसी सार्वजनिक सूचना और वह भी गांधी जयंती के दिन व कर बैंकों में 1109 आवेदन पत्र जमा करें , जिस पर धोखाधड़ी के एफ आई आर दर्ज होनी चाहिए ❓ लेकिन 5 अक्टूबर को स्थिति के आदेश दिए जाने के बाद इस प्रक्रिया को रोक दिया गया। जेडीए के शपथ पत्र की सूचना मिलने के बाद मीडिया कर्मियों ने अपनी जमा की गई राशि को वापस लेने के लिए जेडीए के जून 13 2025 में जाकर अपने जमा पैसे वापस मांगे ।तो उन्हें कोई जवाब ही नहीं मिला ,वर्ष 2010 में पिंक सिटी प्रेस एनक्लेव नायलान के नाम सें एक योजना बनी। जिसके तहत 571 पत्रकारों को भूखंड आवंटित हुए ,,जिनका कब्जा आज तक नहीं मिला है। जबकि हाई कोर्ट ने आवंटन करने के निर्देश दिए, अधिकारियों पर पहले भी क्लर्कल मिस्टेक के नाम पर कई गुनाह छुपाने का आरोप लगा है।
यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ नाइंसाफी, कुठाराघात, विश्वास घात है ।जिसे सहन नहीं किया जाएगा, और मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के नाम प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखा जाएगा। यदि वर्तमान भाजपा सरकार ,भजनलाल जी इस पर एक्शन ले लेंगे। तो ठीक है ,अन्यथा दिल्ली दूर नहीं है।।।
रिपोर्टर:::वॉइस ऑफ़ मीडिया::: राजस्थान
शिंभू सिंह शेखावत
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