महृषि वाल्मीकि हिंदू समाज के के अभिन्न महा माला रत्न

 महृषि वाल्मीकि हिंदू समाज के के अभिन्न महा माला रत्न



-- कैलाश चंद्र कौशिक                  जयपुर। महृषि वाल्मीकि रामायण महा कवि एवं रचियता हैं। उनका सम्मान हिंदू समाज में उच्च कोटि का है और रहेगा। किसी के व्यक्ति गत वाल्मीकि नहीं हो सकते हैं, यह सभी समाज के पूज्य हैं । रामायण और वाल्मीकि जी एक दूसरे के पर्याय हैं। सनातनी हिंदू समाज के विद्वान, श्री रामजी के दोनों पुत्रों लव- कुश के गुरु जी रहे हैं। सीता जी उन्हीं के आश्रम में रहीं हैं। आखिर श्री राम जी को ही उनके मुकाबले में आना पड़ा? यह वाल्मीकि महर्षि जिनकी जगत में कोई सानी नहीं है।


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