क्षेत्र में नहीं थम रहा है पहाड़ों में आग लगने का सिलसिला, पाटन में दमकल की आवश्यकता
क्षेत्र में नहीं थम रहा है पहाड़ों में आग लगने का सिलसिला, पाटन में दमकल की आवश्यकता
पाटन। कृष्ण सैनी धांधेला
पाटन।ज्यों ज्यों क्षेत्र का तापमान बढ़ रहा है त्यों त्यों पहाड़ों में आग लगने के समाचार मिल रहे हैं।और ऐसी भयंकर गर्मी में लोग जहां अपनी जान बचाने के लिए अपने घरों में दुबके पड़े रहते हैं ऐसे में पहाड़ में लगी आग को बुझाए कौन ? ज्यों ही पहाड़ में आग लगती है लोग इसकी जानकारी अधिकारियों तक पहुंचा देते हैं, परंतु अधिकारी भी क्या करें, क्योंकि अधिकारी भी दमकल को मैसेज कर उसे बुला लेते हैं परंतु दमकल भी पहाड़ में नहीं पहुंच पाती, ऐसी स्थिति में पहाड़ों में पेड़ पौधों के साथ वनस्पति भी जलकर राख हो जाती है।एक महीने पहले पाटन गढ़ के पहाड़ में आग लगी थी उसके बाद डोकण के पहाड़ में आग लगी, दो दिन पहले मीणा की नांगल के पहाड़ में तो सोमवार को नई बस्ती मोहनपुरा खरकड़ा के पहाड़ में आग लग चुकी है। आज बुधवार को करजो रोड पर आशा देवी कॉलेज के पास के पहाड़ में आग लग गई। जिसको दमकल को बुलाकर आग पर काबू पाया गया। आखिर आग लगने के पीछे क्या कारण हो सकता है। इस बारे में क्षेत्रीय वन अधिकारी नरेंद्र कुमार ने बताया कि पहाड़ों में हिटवेब होने के कारण एवं पत्थर लुढ़कने से लापला घास जो पेट्रोल की तरह होता है पत्थर की चिंगारी से आग पकड़ लेता है तथा हवा का रुख जिधर होता है उधर ही आग बढ़ने लग जाती है।
तापमान को देखकर बढ़ने लगी है दमकल की आवश्यकता---पाटनवाटी क्षेत्र का तापमान बढ़ने से आए दिन आग लग रही है। दमकल के अभाव के कारण काफी समय बर्बाद हो जाता है क्योंकि दमकल नीमकाथाना से पहुंचती है, ऐसे में पाटन से नीमकाथाना की दूरी 23 किलोमीटर की होने से दमकल को पहुंचने में आधा से पोन घंटा लग जाता है। अगर पाटन में दमकल हो तो आग पर शीघ्र काबू पाया जा सकता है।
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