काश्तकार की चेतावनी अगर जे डी ऐ सिविर लगा तो आत्मदाह
जयपुर जब तक हमारी जमीन के पूर्ण स्वामित्व के विवाद का निपटारा नहीं हो जाता तब तक हम जयपुर विकास प्राधिकरण को कष्ट करो की भूमि के नियमन के लिए किसी तरह के शिविर का आयोजन नहीं करने देंगे अगर फिर भी प्रशासन द्वारा नियमन शिविर आयोजित किया जा गया तो हम हम मुख्यमंत्री निवास के बाहर आत्महत्या करने को मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रशासन की होगी यह कहना काश्तकार शंकर लाल शर्मा जिन्होंने शुक्रवार को राजधानी के शाहिद स्मारक पर प्रेस वार्ता आयोजित कर पत्रकारों के समक्ष अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए राज सरकार प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए जेडीए द्वारा आगामी 26 फरवरी को आयोजित होने वाले नियमन शिविर को निरस्त करने की मांग की है राजधानी के मोहना इलाके स्थित ग्राम गोरावास पृथ्वीराज नगर जॉन 19 में फर्जी पत्तों के आधार पर जेडीए के अधिकारियों से साथ मिलकर सिविल लग रहे हैं जबकि राजस्थान उच्च न्यायालय में वर्ष 2018 से यह मामला विचार दिन चल रहा है वही इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री तक ज्ञापन दिया जा चुका है और मुख्यमंत्री की तरफ से भी संबंधित विभाग को जांच के आदेश भी दिए जा चुके हैं इसके बावजूद जांच आदेश की अवहेलना करते हुए जेडीए की एक तरफ से यह नियमन सिविल आयोजित किया जा रहा है जो की पूरी तरह सरकार की आदेशों की अवहेलना है पूर्व में मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में जेडीए ने माना कि दोनों पक्षकारों के बीच हुए माफिया स्वामित्व विवाद लंबित है इसलिए स्वामित्व संबंधित मामले का विवाद हल होने के बाद ही नियमन सिविल का आयोजित किया जा सकेगा जबकि भू माफिया की मिलीभगत से जेडीए के कुछ अधिकारी आगामी 26 फरवरी को नियमन सिविल आयोजित करने के लिए आमादा है पीड़ित काश्तकार शंकर लाल शर्मा रामस्वरूप अशोक शर्मा कृष्णा शर्मा चांदलाल सहित अन्य कष्ट करो ने ग्राम गोला बॉस बाहुबली नगर विस्तार शंकर भवन गृह निर्माण सरकारी समिति के फर्जी पत्तों के आधार पर 26 फरवरी को आयोजित किए जाने वाले नियमंत शिविर को पूरी तरह निरस्त करने की मांग की है काश्तकारों का कहना है कि इस मामले में उन्होंने कई बार मुख्यमंत्री जेडीए आयोग जेडीए सचिव जॉन उपयुक्त को भी ज्ञापन दिए हैं जबकि अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है अब पीड़ित कष्ट करो ने प्रशासन से मांग की है जब तक स्वामित्व विवाद हल नहीं हो जाता जब तक नियम शिविर की कार्रवाई को निरस्त की जाना चाहिए
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