सशक्त भागीदारी के साथ विश्वविद्यालय की रैंकिंग की प्राथमिकता हो निर्धारित, गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा का हो व्यापक प्रसार : प्रो.निमित चौधरी, कुलगुरु*
*कुलगुरु प्रो. चौधरी ने किया विभिन्न विभागों का निरीक्षण, समीक्षा बैठक के साथ संवाद कर प्रदान किए निर्देश*
*सशक्त भागीदारी के साथ विश्वविद्यालय की रैंकिंग की प्राथमिकता हो निर्धारित, गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा का हो व्यापक प्रसार : प्रो.निमित चौधरी, कुलगुरु*
कोटा, 17 नवंबर, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में कुलगुरु प्रो. निमित चौधरी ने विश्वविद्यालय की उत्तरोत्तर प्रगति-शैक्षणिक उन्नयन, गुणवत्ता सुधार एवं नैक, एनआईआरएफ, एनबीए रैंकिंग के निर्धारण को लेकर विश्वविद्यालय के सभी शैक्षणिक एवं प्रशासनिक विभागों सहित मैकेनिकल, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स इंस्ट्रूमेंटेशन व कंट्रोल, रिन्यूएबल एनर्जी यूनिट विभिन्न विभागों का निरीक्षण कर शिक्षकों एवं कर्मचारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित कर उनसे संवाद किया। आरटीयू के सह जनसम्पर्क अधिकारी विक्रम राठौड ने बताया कि कुलगुरु प्रो. चौधरी ने निरीक्षण के दौरान संचालित विभागीय गतिविधियों, संसाधनों की उपलब्धता, प्रयोगशालाओं की कार्यशीलता और शैक्षणिक वातावरण अवलोकन किया और उन्होंने रैंकिंग में उत्कृष्ट प्रदर्शन सुनिश्चित करने हेतु विभागाध्यक्षों को आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने सभी विभागों से मजबूत दस्तावेज़ीकरण, शोध-अनुसंधान कार्य, लैब उपकरणों का अधिकतम उपयोग, विद्यार्थियों की उपलब्धियों और नवाचार परियोजनाओं को सुदृढ़ करने पर भी जोर दिया।
समीक्षा बैठक में कुलगुरु प्रो. चौधरी ने विश्वविद्यालय की विगत वर्षो से बंद प्रयोगशालाओं और कक्ष पुन: खोलने खोलने और उपयोग में लाने के निर्देश दिए ताकि छात्रों को बेहतर व्यावहारिक सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने संबंधित विभागों से उपकरणों की स्थिति का आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश प्रदान किए। एस्टेट कार्यालय को निर्देश प्रदान करते हुए कहा गया कि वह छात्रों के कक्षाओं, फैकल्टी कक्षों, विभागीय भवनों और अन्य संरचनाओं के रखरखाव के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार करे। विश्वविद्यालय के संसाधनों का अधिकतम और प्रभावी उपयोग तथा उपलब्ध स्थानों का अनुकूल उपयोग करके शैक्षणिक गतिविधियों को और अधिक सुचारू बनाने के उद्देश्य से रिसोर्सेज यूटिलाइजेशन समिति और स्पेस रेशियोलाइजेशन समिति का गठन भी किया गया हैl
कुलगुरु प्रो.चौधरी ने कहा कि तकनीकी शिक्षा की नामांकन वृद्धि, गुणवत्ता सुधार एवं उच्च शिक्षा के उन्नयन हेतु हम सभी को मज़बूत भागीदारी का निर्वहन करना होगा। विश्वविद्यालय का लक्ष्य केवल औपचारिक मानकों को पूरा करना नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुसंधान के लिए एक मजबूत पहचान स्थापित करना है। हम सभी को आपसी समन्वय और सहयोग से विश्वविद्यालय की रैंकिंग की प्राथमिकता को निर्धारित करना होगा। तकनीकी शिक्षा के वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप हमें और अधिक सक्षम बनना होगा। विश्वविद्यालय को तकनीकी शिक्षा की नवीनतम प्रणालियों को अपनाते हुए ऐसा माहौल विकसित करना होगा जो विश्वविद्यालय, संबद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजो और विद्यार्थियों को उन्नत करे। शिक्षण गुणवत्ता की राष्ट्रीय रैंकिंग में और तकनीकी शिक्षा में नवाचार की महत्वपूर्ण भूमिका है, विद्यार्थियों की अकादमिक सुविधाएं बेहतर होने से विश्वविद्यालय का अकादमिक माहौल और अधिक मजबूत होगा।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की प्रचलित अकादमिक -प्रशासनिक -परीक्षा व्यवस्था में किन सुधार की अपेक्षा है, विद्यार्थियों हेतु अनुसंधान -प्रशिक्षण को कैसे विकसित किया जाए, शिक्षकों के अध्यापन स्तर में किस प्रकार गुणात्मक वृद्धि की जाए, इंजीनियरिंग के प्रचलित शिक्षा प्रणालियों में बदलाव, संसाधनों और प्रतिभाओं का आंकलन कर उन्हें कैसे तकनीकी शिक्षा के विकास में प्रवृत्त किया जा सके, जैसे कई असंख्य मुद्दों पर कुलगुरु ने शिक्षकों के साथ संवाद किया सामूहिक विश्लेषण के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन्हें सुलझाने की प्रतिबद्धता प्रकट की। प्रो.चौधरी ने कहा कि तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता के व्यापक प्रसार के साथ हमें विद्यार्थियों की आकर्षण को बढ़ाने हेतु नवीन विकल्पों पर भी ध्यान केन्द्रित करना होगा ऐसे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा इंजीनियरिंग के प्रति विद्यार्थियों के आकर्षण में सर्वोत्तम साधन होगी। कौशल विकास के माध्यम के उन्हें पेशेवर रूप से सशक्त बनाने एवं विद्यार्थियों के लिए उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने की दिशा में हमें सच्चे मन से प्रयास करना हो


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