हरे कृष्णा मूवमेंट उदयपुर द्वारा 20 नवम्बर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक भव्य पुस्तक-मैराथन होगा

 हरे कृष्णा मूवमेंट उदयपुर द्वारा 20 नवम्बर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक भव्य पुस्तक-मैराथन होगा



उदयपुर संवाददाता जनतंत्र की आवाज विवेक अग्रवाल। हरे कृष्णा मूवमेंट उदयपुर द्वारा इस वर्ष का वार्षिक पुस्तक-मैराथन 20 नवम्बर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक आयोजित किया जाएगा। लगभग दो माह चलने वाले वैश्विक अभियान में हरे कृष्णा मूवमेंट से जुड़े विश्वभर के भक्त करोड़ों आध्यात्मिक ग्रंथों—विशेषतः भगवद-गीता, श्रीमद्भागवतम और अन्य वैदिक साहित्य—का वितरण करेंगे। हरे कृष्णा मोमेंट के केंद्र प्रभारी मैत्रेयी दास ने बताया कि इस पुस्तक-मैराथन का मुख्य प्रेरणा स्रोत है गीता जयंती, जो 1 दिसम्बर को मनाई जाती है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को श्रीभगवद-गीता का दिव्य उपदेश दिया था। इसलिए भक्त पूरे इस अवधि को “गीता जयंती माह” के रूप में मनाते हैं और अधिक से अधिक लोगों तक दिव्य शास्त्र पहुँचाने के लिए संकल्पबद्ध होते हैं।

हरे कृष्णा मूवमेंट के अनुसार, भगवद्-गीता और भागवत जैसे ग्रंथों का अध्ययन विश्वभर में लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला चुका है।

कई लोगों ने गीता पढ़कर नशा, जुआ, मांस-भक्षण जैसी बुरी आदतें छोड़ीं और सात्त्विक, संतुलित व आध्यात्मिक जीवन अपनाया।

साथ ही, अध्ययन से तनाव, अवसाद और मानसिक अस्थिरता से उबरने में भी उल्लेखनीय लाभ मिलता है।

उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत विद्यार्थी, पर्यटक, बच्चे, वयस्क—हर आयु और वर्ग के लोगों तक ग्रंथ पहुँचाए जाएंगे।

साथ ही, जेलों व वृद्धाश्रमों में भी दानदाताओं के माध्यम से विशेष वितरण किया जाएगा। संगठन का मानना है कि आधुनिक शिक्षा में मूल्य-आधारित शिक्षा की कमी रह जाती है, जिसे ये शास्त्र पूरा करते हैं।

थोक खरीद पर विशेष छूट

हरे कृष्णा मूवमेंट उदयपुर द्वारा भगवद-गीता, श्रीमद्भागवतम, चैतन्य चरितामृत आदि शास्त्रों पर थोक खरीद हेतु विशेष छूट भी उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि अधिक से अधिक लोग इन दिव्य ग्रंथों को घर-घर पहुँचा सकें।

इस वर्ष हरे कृष्णा मूवमेंट उदयपुर ने घोषणा की है कि

पुस्तक-मैराथन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले भक्तों को विशेष पुरस्कार, सम्मान-पत्र और स्मृति-चिह्न प्रदान किए जाएंगे।

इससे भक्तों में उत्साह और भी बढ़ गया है।विश्वव्यापी उत्सव जैसा माहौल दुनियाभर के भक्तों के लिए यह पुस्तक-वितरण अभियान किसी उत्सव से कम नहीं।

जैसे मकर संक्रांति और होली बड़े त्योहार हैं, वैसे ही हरे कृष्णा भक्तों के लिए पुस्तक-मैराथन और गीता जयंती एक भव्य आध्यात्मिक पर्व है। यह उत्सव अमेरिका, ब्रिटेन, अफ्रीका, चीन, रूस, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड सहित विश्व के सैकड़ों देशों में मनाया जाता है, ताकि भारतीय आध्यात्मिक संस्कृति से अपरिचित लोग भी भगवद्-गीता और भागवत का दिव्य स्वाद चख सकें और भक्ति की प्रेरणा प्राप्त कर सकें।

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