अग्रवाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की जर्जर छत अब होगी दुरुस्त, प्रशासन ने स्वीकृत किए सात लाख रुपये

 अग्रवाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की जर्जर छत अब होगी दुरुस्त, प्रशासन ने स्वीकृत किए सात लाख रुपये



गुहाला (नीमकाथाना):

गुहाला कस्बे में स्थित अग्रवाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की जर्जर छत लंबे समय से विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई थी। बरसों पुराना यह दो मंजिला भवन धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त होता चला गया, जिसकी ऊपरी मंजिल की छत और कक्षों की पट्टियाँ टूटने लगी थीं। हर बारिश के मौसम में विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर भय का माहौल बना रहता था। शिक्षण कार्य बाधित न हो, इसके लिए स्कूल प्रशासन वर्षों से केवल अस्थायी मरम्मत के सहारे काम चला रहा था।


विद्यालय के प्रधानाचार्य मदनलाल ने बताया कि स्कूल की स्थिति बेहद चिंताजनक थी। पहली और दूसरी मंजिल की छतों में दरारें पड़ चुकी थीं। कई जगह लोहे की सरिए बाहर आ चुकी थीं। इस वजह से कक्षा में बैठने वाले बच्चों के सिर पर हमेशा खतरा मंडराता रहता था। शिक्षा विभाग को कई बार इस समस्या से अवगत करवाया गया, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं हो पाया।


इसी बीच समाजसेवी और युवा नेता रामनारायण सैनी ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए पहल की। उन्होंने विद्यालय परिसर का निरीक्षण कर स्कूल भवन की जर्जर हालत की जानकारी नीमकाथाना विधायक तक पहुँचाई। ग्रामीणों के सहयोग से यह मुद्दा लगातार उठाया गया, जिससे प्रशासन हरकत में आया।


विद्यालय की छत की मरम्मत के लिए हाल ही में शिक्षा विभाग और प्रशासन की ओर से सात लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इससे विद्यालय भवन की पहली मंजिल की 8932 वर्ग फीट क्षेत्रफल वाली छत की मरम्मत करवाई जाएगी। इस मरम्मत कार्य की अनुमानित लागत ₹5,60,000 निर्धारित की गई है, जबकि अतिरिक्त राशि अन्य मरम्मत और सुरक्षा कार्यों में उपयोग की जाएगी।


प्रधानाचार्य ने बताया कि समाजसेवी रामनारायण सैनी के प्रयासों और विधायक के हस्तक्षेप से यह स्वीकृति संभव हो पाई है। इससे विद्यालय के सैकड़ों विद्यार्थी, जो अब तक जर्जर छत के नीचे डर के साये में पढ़ाई करते थे, उन्हें अब राहत मिलेगी।


स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों ने भी इस निर्णय पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने कहा कि अब बच्चों की पढ़ाई निर्भय वातावरण में हो सकेगी। ग्रामीणों ने विद्यालय भवन की मरम्मत कार्य को शीघ्र प्रारंभ करवाने की मांग की है ताकि आगामी सत्र में छात्र-छात्राओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।


ग्राम पंचायत और विद्यालय प्रबंधन समिति ने भी प्रशासन का आभार जताते हुए कहा कि यह राशि केवल भवन सुधार तक सीमित न रहे, बल्कि विद्यालय की संपूर्ण संरचना के आधुनिकीकरण में भी सहयोगी बने।


गौरतलब है कि महात्मा गांधी विद्यालय परिसर में भी एक जर्जर भवन के ढहने की घटना हाल ही में सामने आई थी, जिसके बाद क्षेत्र के कई विद्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे थे। ऐसे में अग्रवाल विद्यालय के लिए यह स्वीकृति एक राहत भरी खबर साबित हुई है।


युवा नेता रामनारायण सैनी ने कहा कि “विद्यालय हमारे भविष्य की नींव हैं, और उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी। ग्रामीणों की एकजुटता और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से यह संभव हो पाया है।”


इस स्वीकृति के बाद गुहाला और आसपास के इलाकों में लोगों ने राहत की सांस ली है और अब उम्मीद की जा रही है कि मरम्मत कार्य जल्द शुरू होकर सुरक्षित और सुचारु शिक्षण वातावरण की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम साबित होगा।

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