मेवाड़ के योग साधक स्वामी हरिहरानंद जी की पुस्तक विमोचन सम्पन्न
मेवाड़ के योग साधक स्वामी हरिहरानंद जी की
पुस्तक विमोचन सम्पन्न
भुवनेश आमेटा राजस्थान उदयपुर, मेवाड़ के महान योग साधक स्वामी हरिहरानंद महाराज के जीवन और आध्यात्मिक यात्रा पर आधारित पुस्तक ‘‘मेवाड़ के योग साधक स्वामी हरिहरानंदजी महाराज’’ का आज यहां माउन्ट व्यू स्कूल सभागार, नाकोड़ा नगर, प्रतापनगर में विमोचन समारोह आयोजित किया गया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए स्वामी हरिशरणानंद महाराज ने स्वामीजी की पुस्तक प्रकाशन को एक सराहनीय प्रयास बताया उन्होंने ज्ञान और वैराग्य की महिमा बताते हुए कहा कि बिना गुरू के ज्ञान प्राप्त करना संभव नहीं हैं। मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए पुष्करलाल आमेटा ने कहा कि शब्द ही ब्रम्ह हैं जो हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू से जुड़ा हुआ हैं। उन्होंने कहा कि शब्द केवल अभिव्यक्ति का माध्यम ही नहीं बल्कि सृजन की शक्ति भी हैं और नाद वह कंपन हमें आत्मा से ब्रम्ह तक ले जाता हैं।
पुस्तक के प्रकाशक चंद्रशेखर आमेटा ने आगन्तुकों का स्वागत करते हुए स्कूल प्रबंधन, स्वामीजी के शिष्य भज्जाराम एवं पुस्तक प्रकाशन के सहयोग हेतु हरीश नरसावत का आभार व्यक्त किया। इस अवसर संपादक कपिलदेव आमेटा ने कहा कि स्वामी जी की यह पुस्तक केवल पृष्ठों तक सीमित नहीं हैं यह परंम्परा की पुनर्स्थापना हैं विचारों की ज्योति हैं जो सुदूर उत्तरकाशी से पुष्पित पल्लवित होकर पूरे मेवाड़ को आलोकित कर रही हैं।
समारोह के प्रारंभ में रामकाज संस्थान डबोक के महंत अनुज महाराज की संगीतमय सुन्दरकांड की प्रस्तुति से पूरे पाण्डाल को राममय बना दिया। इस आयोजन से स्वामी हरिहरानंद के अनेक अनुयायियों को उनके विचारों से प्रेरणा मिली और वे आज भी भक्ति मार्ग का अनुसरण कर रहे हैं। इस अवसर पर हरीश नरसावत ने कहा कि यह पुस्तक केवल शब्दों का संग्रह नहीं अपितु ज्ञान की वो गंगा हैं जो समाज में भक्ति भाव अक्षुण्ण बनाए रखेगी। इस अवसर पर गजानन आमेटा, राजेश आमेटा, गिरीश आमेटा, गोपाल आमेटा, भूपेश आमेटा, भज्जाराम, ठाकुर विजेन्द्रसिंह लक्ष्मणपुरा, रमेश आमेटा, प्रकाश आमेटा ने आगुन्तकों का शाल पगड़ी एवं उपरना पहनाकर स्वागत किया। समारोह का संचालन गजेन्द्र शर्मा ने किया।

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