नीमकाथाना की गुढ़ा पब्लिक स्कूल में उड़ाई नियमों की धज्जियां,और नीम का थाना उप शिक्षा अधिकारी का भी कहना नहीं माना
**नीमकाथाना की गुढ़ा पब्लिक स्कूल में उड़ाई नियमों की धज्जियां,और नीम का थाना उप शिक्षा अधिकारी का भी कहना नहीं माना
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नीमकाथाना के निकट ही अभी विगत लगभग 2 वर्ष पहले अस्तित्व में गुढ़ा पब्लिक स्कूल के निदेशक से लेकर कार्मिकों तक की शिकायतें हुई और एफ आई आर तक दर्ज हो चुकी है , ऐसे समाचार अखबारों में प्रकाशित हो चुके। ऐसा क्या शिक्षा का मंदिर निजी हाथों में खुला की , वें ही सब कुछ है, बाकी अन्य आमजन व सरकार के अधिकारी उनके सामने कुछ भी __ नहीं⁉️ इसी से ही स्पष्ट हो जाता है ,कि यह स्कूल नहीं है । यह एक शिक्षा का मंदिर ना होकर दैत्य गुरुओं की पाठशाला है।
जो निजी शिक्षण संस्थान राज्य सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाएं ,वह पूर्व में भी इसी स्कूल के स्टाफ द्वारा राहगीर चालकों के साथ अभद्रता की गई थी ऐसे विद्यालय की निष्पक्ष जांच होनी अत्यंत आवश्यक है। इन सभी मायनों, मापदंडों पर सरकार की अवमानना तथा मौके पर गए , अधिकारी शिक्षा विभाग को भी कोई महत्व नहीं देना, यह तो सरेआम मनमाना रवैया है।
हुआ यूं की नीम का थाना शिक्षा विभाग के अधिकारियों राज्य सरकार को निर्देशन अनुसार माननीय जिला कलेक्टर के निर्देशों की अनुपालना में 24 अगस्त 2025 को राजस्थान के समस्त सरकारी एवं गैर सरकारी शिक्षण संस्थान बंद रखने का आदेश था , क्योंकि मौसम विभाग की अत्यधिक वर्षा की घोषणा थी। और वर्षा हो भी रही है☑️ इसी के तहत नीम का थाना के उप शिक्षा अधिकारी ने आगवाड़ी के स्टाफ को नियुक्त कर संबंधित निजी शिक्षण संस्थान की मौके पर जांच करने को भेजा था । मौके पर गए शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अवमानना की!!! और उन्हें यह कहने पर बहाना बनाया कि हमें तो पता ही नहीं था ,उसके बाद नीमकाथाना के शिक्षा अधिकारी भी मौके पर गए और उन्होंने *स्कूल के निदेशक को राज्य सरकार के लिए आदेशों के बारे में बताया तो बहाना बनाया की हमें तो पता ही नहीं था। ऐसा हो ही नहीं सकता* क्योंकि राज्य सरकार के आदेश एक दिन पहले ही यह सोशल मीडिया पर और राजस्थान की समस्त राजकीय विद्यालयों में फेक्स के माध्यम से आदेश दे दिया गया था । तो क्या गुढ़ा पब्लिक स्कूल को इन आदेशों का पता नहीं था इनको पता था लेकिन यह अपने आप को राज्य सरकार से ऊपर समझते हैं।
इससे यह प्रतीत होता है, कि गुढ़ा पब्लिक स्कूल के सुप्रीमो स्कूल नहीं चल रहें। यहां कोई आतंकवादी अड्डा तो नहीं चला रहे, क्योंकि वहीं पर ही ऐसी मनमानी होया करती है।
विडंबना तो यह है कि विगत वर्ष इसी स्कूल को राजस्थान सरकार के प्रतिष्ठित मंत्री एक निजी कार्यक्रम जिसमें इसी स्कूल में ए ग्रेड का दर्जा मिलने पर उस कार्यक्रम का आयोजन किया था, उसमें राज्य सरकार के प्रतिष्ठित मंत्रीजी मौजूद थे। और ऐसा क्या विद्यालय में है , जो इसे नीमकाथाना में 1 वर्ष बाद ही ए ग्रेड का दर्जा मिल जाता है ऐसा इस विद्यालय में क्या जुगलबंदी है ????? या कोई राजनीतिक लाबी का हाथ है।
इस विद्यालय की राजस्थान सरकार जयपुर मुख्यमंत्री , श्री भजनलाल शर्मा निष्पक्ष जांच करावे न की लिपा पोथी । अर्थात महज खानापूर्ति नहीं हो ❓सच सबके सामने आना चाहिए, कि लगभग 2 वर्ष पूर्व अस्तित्व में आई स्कूल को ठीक 1 वर्ष बाद ए ग्रेड का दर्जा दिया जाना क्या इंगित करता है।
इसलिए इस विद्यालय जो की मनमाना व्यवहार करती है , की निष्पक्ष जांच अत्यंत ही आवश्यक है।
रिपोर्टर ::: वॉइस ऑफ़ मीडिया::: सीकर नीम का थाना राजस्थान, शिंभू सिंह शेखावत
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