पौराणिक प्रसंगों पर आधारित रचनाओं से सजी रही कल्पकथा की काव्य संध्या !!"
"!! पौराणिक प्रसंगों पर आधारित रचनाओं से सजी रही कल्पकथा की काव्य संध्या !!"
कल्पकथा परिवार की संवाद प्रभारी श्रीमती ज्योति राघव सिंह ने बताया कि हिन्दी भाषा, राष्ट्रप्रथम, सनातन संस्कृति, और सद साहित्य, के सम्मान हेतु कृत संकल्पित कल्पकथा साहित्य संस्था द्वारा आयोजित १९५वीं ऑनलाइन काव्यगोष्ठी पौराणिक एवं भक्ति भावपूर्ण काव्य रचनाओं से सजी रही।
हल्द्वानी उत्तराखण्ड के विद्वान साहित्यकार श्री गोपाल कृष्ण बागी जी की अध्यक्षता, आशुकवि श्री भास्कर सिंह "माणिक" जी, पवनेश मिश्रा, के संचालन के कार्यक्रम का शुभारंभ नागपुर महाराष्ट्र से जुड़े वरिष्ठ साहित्यकार श्री विजय रघुनाथराव डांगे जी द्वारा गुरु वंदना, गणेश वंदना, एवं सरस्वती वंदना, संगीतबद्ध गायन के पश्चात दीदी श्रीमती राधा श्री शर्मा के द्वारा नर, नारायण, भगवान कृष्ण और अर्जुन द्वारा राजा मोरध्वज की धर्मपरायणता प्रसंग व हरियाणवी रागिनी के साथ हुआ।
भानु सप्तमी, गंगा सप्तमी, पर आधारित प्रश्नावली, के साथ काव्य रचनाओं के आयोजन में जम्मू कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, महाराष्ट्र, के कवियों ने आस्था और श्रद्धा के भावों को शब्दों में पिरोया।
कार्यक्रम में श्री विजय रघुनाथराव डांगे जी, नागपुर (महाराष्ट्र), श्री कमलेश विष्णु सिंह जिज्ञासु जी, (दिल्ली), श्रीमती शालिनी दीक्षित जी, प्रयागराज (उप्र), श्री प्रमोद पटले जी, रायपुर (छत्तीसगढ़), श्री गोपाल कृष्ण बागी जी, हल्द्वानी (उत्तराखण्ड), श्री राम बहाल सिंह "बहाल कवि" जी, वाराणसी (उप्र), श्री अवधेश प्रसाद मिश्र "मधुप" जी, वाराणसी (उप्र) डॉ अंजू सेमवाल जी, उत्तरकाशी (उत्तराखण्ड), आ. अलका शर्मा जी, जम्मू (जम्मू कश्मीर), श्री दुर्गादत्त मिश्र "बाबा" जी, भोरे गोपालगंज (बिहार), श्री भास्कर सिंह "माणिक" जी, कोंच जालौन (उप्र), श्रीमती नीतू दण्ड जी, जालंधर (पंजाब), श्री भेरू सिंह चौहान "तरंग" जी, झाबुआ (मप्र), श्री राम सनेही ओझा जी, मुंबई (महाराष्ट्र), दीदी श्रीमती राधा श्री शर्मा जी, पवनेश मिश्रा, ने काव्य पाठ किया।
"दूसरों के बजाय पहले से स्वयं में परिवर्तन करने की भावना" के संकल्प के साथ अध्यक्षीय उद्बोधन में गोपाल कृष्ण बागी जी ने मुक्तकण्ठ से आयोजन की प्रशंसा करते हुए सभी रचनाकारों को बधाई एवं मंगलकामनाएं दी। अंत में दीदी श्रीमती राधा श्री शर्मा ने "सर्वे भवन्तु सुखिन:" शान्ति पाठ के साथ सभी का आभार व्यक्त किया।
कवि संगम त्रिपाठी संस्थापक प्रेरणा हिन्दी प्रचारिणी सभा ने कल्पकथा परिवार को उत्कृष्ट आयोजन हेतु बधाई दी।
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