हिन्दुस्तान जिं़क के सहयोग से संचालित घाटा वाली माताजी किसान उत्पादक कंपनी बनी सशक्तिकरण की मिसाल दूग्ध उत्पादन में पहचान बना रहा ‘गौयम‘
हिन्दुस्तान जिं़क के सहयोग से संचालित घाटा वाली माताजी किसान उत्पादक कंपनी बनी सशक्तिकरण की मिसाल
दूग्ध उत्पादन में पहचान बना रहा ‘गौयम‘
उदयपुर जनतंत्र की आवास विवेक अग्रवाल। छोटे-छोटे कदमों से शुरू हुआ सफर मेहनत और दृढ़निश्चय से सफलता की मिसाल बन सकता है इस का उदाहरण है महिलाओं के नेतृत्व वाली डेयरी, घाटावाली माताजी किसान उत्पादक कंपनी जिसने ने वित्त वर्ष 2023-24 में 1 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल किया। यह संगठन के 2022-23 में 54 लाख रुपये के राजस्व से दो गुना वृद्धि दर्शाता है, जो इसके संचालन के दो वर्षों के भीतर है।
परंपरागत रूप से बिछड़ी, देबारी के किसान मुख्य रूप से पशुपालन करते थे और डेयरी को आय का विश्वसनीय स्रोत मानते थे। मुख्य रूप से नकदी-संचालित डेयरी उद्योग के रूप में किसान स्थानीय डेयरी संघों को दूध की आपूर्ति करते थे।
हिन्दुस्तान जिं़क की समाधान परियोजना के अंतर्गत संचालित घाटावाली माताजी किसान उत्पादक कंपनी किसानो के तृत्व वाली डेयरी माइक्रो-एंटरप्राइज है जिसे वित्त वर्ष 2022-2023 में उदयपुर जिले के देबारी के बिछड़ी गाँव में स्थापित किया गया था। माइक्रो एंटरप्राइज यूनिट अपने सदस्य आपूर्तिकर्ताओं के हितों की रक्षा करता है, उन्हें वर्ष भर बाजार से जोड़ने, समय पर भुगतान एवं स्थायी आय सुनिश्चित करता है। एफपीओ अपने शेयरधारकों से दूध एकत्र करता है और इसे उदयपुर शहर में गौयम ब्रांड से स्वच्छ दूध और विशिष्ट डेयरी-आधारित उत्पादों को आमजन तक पहुंचा रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 कंपनी के लिए बड़े मील के पत्थर का रहा है, इसने चालू वित्त वर्ष में 1 करोड़ रुपये का बिक्री कारोबार हासिल किया है। यह संगठन के 2022-23 में अपने संचालन के दो वर्षों के भीतर 56 लाख रुपये के राजस्व से दो गुना महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है।
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