हूनरमंदों के हौंसलों को उड़ान दे रही पीएम विश्वकर्मा योजना - 18 श्रेणी के हस्तशिल्पी करा सकते हैं पंजीयन - औजार खरीद के लिए मिलेगा 15000 रूपए का ई-बाउचर - बिना गारंटी मिल सकेगा सस्ता लोन

 हूनरमंदों के हौंसलों को उड़ान दे रही पीएम विश्वकर्मा योजना

- 18 श्रेणी के हस्तशिल्पी करा सकते हैं पंजीयन

- औजार खरीद के लिए मिलेगा 15000 रूपए का ई-बाउचर

- बिना गारंटी मिल सकेगा सस्ता लोन


उदयपुर, 8 जनवरी। प्राचीन काल से भारत हस्तशिल्प में समृद्ध रहा है। कालान्तर में इनमें लगातार गिरावट आई और कई हस्त कलाएं विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार का ध्येय सबका साथ-सबका विकास की संकल्पना को साकार करना है। इसी उद्देश्य से केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के माध्यम से पीएम विश्वकर्मा योजना प्रारंभ की गई। यह योजना हूनरमंदों के हौंसलों को नई उड़ान दे रही है। उदयपुर में भी योजना को लेकर खासा उत्साह है। विकसित भारत संकल्प यात्रा शिविरों में आमजन को योजना के प्रति जागरूक कर पात्र लोगों को पंजीयन के लिए प्रेरित किया जा रहा है।  

यह है पीएम विश्वकर्मा योजना

केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) के माध्यम से 17 सितम्बर 2023 को पीएम विश्वकर्मा योजना प्रारंभ की गई। योजना का उद्देश्य हाथ से अथवा औजार का उपयोग करके काम करने वाले पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को पहचानना और सशक्त बनाना है। प्रारंभिक तौर पर वर्ष 2027-28 तक के लिए लागू इस योजना के तहत 18 श्रेणी के हस्तशिल्पियों का पंजीयन कर उन्हें वित्तीय संबल तथा हस्त शिल्प के विपणन के अवसर प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।

इनको मिले सकता है लाभ

योजना के तहत बढ़ई, नाव बनाने वाला, अस्त्रकार, लोहार, हथौड़ा, टूलकिट निर्माता, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला, पत्थर तोड़ने वाला), मोची (चर्मकार, जूता कारीगर), राजमिस्त्री, टोकरी/ चटाई/झाडू निर्माता/कॉयर बुनकर, गुडिया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला निर्माता (मालाकार), धोबी, दर्जी तथा मछली पकड़ने का जाल निर्माता पात्र हैं।

यह है पात्रता

पीएम विश्वकर्मा के तहत 18 वर्ष से अधिक आयु के कारीगर या शिल्पकार जो स्व-रोजगार के आधार पर असंगठित क्षेत्र में हाथों और औजारों से काम करते हैं पात्र हैं। लाभार्थी को स्व-रोजगार/व्यवसाय विकास के लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षां में चलाई जा रही क्रेडिट-आधारित योजनाओं जैसे पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि, मुद्रा आदि के तहत ऋण नहीं लिया होना चाहिए। हालांकि मुद्रा और स्वनिधि के लाभार्थी जिन्होंने अपना ऋण चुका दिया है, वे पीएम विश्वकर्मा के तहत पात्र होंगे। 5 वर्ष की अवधि की गणना ऋण स्वीकृत होने की तिथि से की जाएगी। योजना के तहत पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित रहेगा। एक परिवार को पति-पत्नी व अविवाहित बच्चों से मिलकर परिभाषित किया गया है। राजकीय कर्मचारी व उनके परिवारजन योजना के तहत पात्र नहीं होंगे।


यह है प्रक्रिया

पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़ने के लिए पात्र व्यक्ति को अपने नजदीकी सामान्य सेवा केंद्र यथा अटल सेवा केंद्र, ई-मित्र के माध्यम से ऑनलाइन पंजीयन कराना होगा। इसके लिए आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक विवरण, राशन कार्ड की आवश्यकता रहेगी। पंजीयन पूर्णतया निःशुल्क है। पंजीयन के पश्चात शहरी क्षेत्र में नगर निकाय के अधिशासी अधिकारी तथा ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच की ओर से आवेदनों का ऑनलाइन सत्यापन किया जाता है। इसके बाद आवेदन अग्रिम कार्यवाही के लिए जिला कलक्टर स्तर पर प्रेषित किए जाते हैं।

यह हैं लाभ

योजना में पंजीयन कराने पर संबंधित हस्त शिल्पी को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र जारी किया जाता है। इससे आवेदक को विश्वकर्मा के रूप में पहचान मिलती है। आवेदक को 5 दिन की बेसिक ट्रेनिंग तथा 15 दिन या इससे अधिक का कौशल उन्नयन प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान प्रतिदिन 500 रूपए भत्ता भी देय है। आवेदक को अपने व्यवसाय के लिए उन्नत उपकरण खरीदने 15 हजार रूपए की सहायता ईआरयूपीआई अथवा ई वाउचर के रूप में प्रदान की जाती है। इसके अलावा बिना जमानत के पहली किश्त के रूप में मात्र 5 प्रतिशत ब्याज दर पर 1 लाख रूपए का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यह ऋण 18 माह में चुकाना होगा। इसके बाद दूसरे चरण में 30 माह के लिए 2 लाख रूपए का ऋण उपलब्ध कराया जाता है। वहीं डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहित करने हर माह 100 लेनदेन पर प्रति लेनदेन 1 रूपए का कैशबेक भी देय है। इतना ही नहीं योजना के तहत योजना के तहत पंजीकृत कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों के लिए मार्केटिंग और ब्रांडिंग में राष्ट्रीय विपणन समिति सहायता भी प्रदान करती है।

उदयपुर में बढ़ रहा रूझान

जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रदेश में अब तक एक लाख से अधिक पंजीयन हो चुके हैं, वहीं उदयपुर जिले में वर्तमान में 873 कारीगरों ने पंजीयन कराया है। जिला कलक्टर के निर्देशन में विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान भी योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। योजना को लेकर उदयपुर में तेजी से रूझान बढ़ रहा है, प्रतिदिन सैकड़ों लोग योजना से जुड़ कर लाभान्वित हो रहे हैं।

अधिक से अधिक हस्तशिल्पी कराएं पंजीयनः जिला कलक्टर

जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल ने कहा कि हस्त शिल्पियों और कारीगरों को संबल देने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम विश्वकर्मा योजना लागू की है। इससे 18 श्रेणियों के कारीगरों को न केवल आर्थिक संबल मिलेगा, अपितु उन्हें कौशल उन्नयन तथा अपने उत्पाद के विपणन की भी सुविधा मिलेगी। उदयपुर जिले में हजारों लोग हस्त कला से जुड़े हुए हैं, वे सभी लोग योजना में पंजीयन कराकर लाभान्वित हो इसके लिए सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है। विकसित भारत संकल्प यात्रा शिविरों में भी आमजन को इसकी जानकारी दी जा रही हैं। सरकार के निर्देशानुसार सभी सरपंचों को ऑनलाइन सत्यापन के लिए पोर्टल से जोड़ा जा रहा है।

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