न्यूज़पेपर में प्रकाशित करने वाले अखबार के मालिक और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की जुगलबंदी और परिणाम भ्रष्टाचार**
*न्यूज़पेपर में प्रकाशित करने वाले अखबार के मालिक और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की जुगलबंदी और परिणाम भ्रष्टाचार**
***
उपरोक्त दैनिक न्वयतन अखबार पीडीएफ में प्रकाशित (एनआईटी) निविदा सूचना को देखने से स्पष्ट जाहिर होता है ❓ ❓ की विभाग और अखबार मालिक की जुगलबंदी है । इस जुगलबंदी से विभाग अपने चेहते लोगों को सूचना 20 दिन पहले ही मिल जाती है या विभाग द्वारा जारी होने के दूसरे दिन मिल जाती है ।। और अखबार में 25 तारीख को प्रकाशित हो रही है , जबकि विभाग ने उपरोक्त एनआईटी को एक अक्टूबर को खंडेला के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ऑफिस से जारी होती है ।। और 24 दिन बाद अखबार में प्रकाशित हो रही है।
जुगलबंदी स्पष्ट तौर पर नजर आ रही है , की निविदा की अंतिम तिथि 26 तारीख है। इससे विभाग को घर-घर के लो ,,, भर भर के लो ही करना है । जैसा की जल जीवन मिशन में करोड़ों रुपए का घोटाला पूरे राजस्थान मैं हुआ ,, जो की सर्वविदित है । यहां तक की प्रधानमंत्री ने भी अपने व्यकत्वय में भ्रष्टाचार के बारे में कहा है । की जल जीवन मिशन योजना में घोटाला हुआ है । और कई विभाग के इंजीनियर भ्रष्टाचार में उनके खिलाफ जांच भी चल रही है। और ठेकेदारों की भी जांच की तो उनके पास अकूत संपत्ति मिली।। ऐसी सूचनाएं /खबर पूर्व में राजस्थान के अनेकों समाचार पत्रों में प्रकाशित हो चुकी।। फिर भी विभाग सरकार के नियमों को ताक कर खुलेआम धज्जियां उड़ाते हैं ।। इस न्यूज़ को देखने से यह जीता जागता भ्रष्टाचार का नमूना है। अपने चेहते ठेकेदारों को कार्य देकर लीपा पोती करवाकर भुगतान उठा लिया जाता है और जुगलबंदी से उस पैसे को हजम किया जाता है ।।जनता को पानी मिलता नहीं है । जनता पानी के लिए त्राहि-त्राहि करती है । और प्रत्येक घर को एक महीने में चार टैंकर मजबूर होकर फ्लोराइड युक्त पानी पीना पड़ता है । जिससे जनता के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है । और आखिर में प्रत्येक नागरिक को डॉक्टर की शरण लेनी पड़ती है ,और धीरे-धीरे व्यक्ति के स्वास्थ्य में गिरावट आती है । जिस व्यक्ति या परिवार के पास 2 जून की रोटी नहीं है । वह अपना स्वास्थ्य कैसे ठीक कराएगा ।।। यह अत्यंत ही जटिल सवाल है ,,,सरकार के सामने ।। क्योंकि आजकल स्वास्थ्य ठीक करने में भी पैसा लगता है बहुत ही गंभीर विडंबना है। *इस और ना तो विभाग का ध्यान है , और ना ही सरकार का* राज्य सरकार और केंद्र सरकार के वादों और नियमों की धरातल पर धज्जियां उड़ती है।आमजन एक बाल्टी पानी के लिए त्राहि-त्राहि करती रहती है । लेकिन विभाग को और सरकार को कोई परवाह नहीं है । जबकि यह न्याय संगत नहीं है । इस पर राजस्थान सरकार के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ,कन्हैयालाल चौधरी की भी कहीं ना कहीं जुगलबंदी है ,, यदि नहीं है ❓ तो इसकी निष्पक्ष जांच करवाई जाए ।।
सच अपने आप सामने आएगा।
रिपोर्टर ::: वॉइस ऑफ़ मीडिया::: राजस्थान
शिंभू सिंह शेखावत

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें