हिंदू देवी देवताओं और भगवान का भरी मीटिंग ने उड़ाया मखौल
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बी आर गवई के अनुचर देवस्थान के शासन सचिव डॉक्टर समित शर्मा
*"हिंदू देवी देवताओं और भगवान का भरी मीटिंग ने उड़ाया मखौल
"* -- कैलाश चंद्र कौशिक
जयपुर! डॉ.समित शर्मा MBBS. राजस्थान शासन सचिवालय स्थित अपने चेंबर में दिनांक 27 अक्टूबर,2025 की शाम को देवस्थान विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारियों की मीटिंग लेकर विभाग की प्रगति को रिव्यू कर रहे थे तब अचानक उस समय बड़ी खराब स्थिति उत्पन्न हो गई जब मीटिंग में विभाग के कमिश्नर आईएएस के.एल.स्वामी और अतिरिक्त आयुक्त और दूसरे बड़े कई अधिकारी मीटिंग में उपस्थित थे और विभाग की वित्तीय सलाहकार और दूसरे अधिकारी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े हुए थे तो उन्होंने भरी मीटिंग में विभाग के उच्च अधिकारियों से एक ऐसा प्रश्न कर डाला जिसने सबको सकते में डाल दिया और प्रदेश में शासन कर रही भारतीय जनता पार्टी की सरकार जो की सनातन और हिंदू धर्म की सरकार मानी जाती है उस पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दिया।
डॉक्टर समित शर्मा , शासन सचिव देवस्थान विभाग ने मीटिंग में अचानक देवस्थान विभाग के अधिकारियों से भगवान जा मखौल उड़ाते हुए इन्सल्टिंग भाषा ने यह पूछ डाला कि-
*“तुम्हारे भगवान क्या मंदिरों के पुजारियों की प्रार्थना सुनते भी है कि नही”*
यह सुनते ही मीटिंग में उपस्थित सारे अधिकारी सकते में आ गए परंतु *एक कनिष्ठ अधिकारी ने मजबूती से जवाब दिया की निश्चित रूप से भगवान सुनते हैं और इसलिए सरकार ने मंदिर खोले हैं और पुजारी रखे हुए हैं*
इस पर डॉक्टर समित शर्मा सकपका गए और उन्होंने फिर बात बदल दी। परंतु शासन के इतने वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इस प्रकार की भाषा और सनातन और हिंदू धर्म के देवी देवताओं और पुजारियों पर टिप्पणी करना और उनकी इंसल्ट करना मीटिंग में उपस्थित सभी लोगों को अखर गया, और इसने सरकार कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह लगा दिया ?

वायरल व्हाट्सएप मैसेज का खंडन :
जवाब देंहटाएंसोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप में गोपालन एवं देवस्थान विभागों की बैठक में पुजारियों के लिए तथाकथित टिप्पणी का वायरल हो रहा मैसेज False तो है ही साथ में तथ्यहीन, भ्रामक और आधारहीन भी है, यह मैसेज व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति हेतु किसी को tool बनाकर भ्रम फैलाने की साजिश का हिस्सा है,
मीटिंग का असली उद्देश्य मंदिरों और विभाग में सुधार तथा विभागीय बजट घोषणा में देवस्थान विभाग के मंदिरों के जीर्णोद्धार किए जाने के कार्यों को गति देना था इस प्रकार की कोई चर्चा दूर-दूर तक हुई ही नहीं थी,
निजी स्वार्थ के चलते किसी की व्यक्तिगत समस्या स्वरुप इस प्रकार की कुचेष्टा की गई है जिससे देवस्थान विभाग की छवि धूमिल किया जाना निराशाजनक है।
दिनांक 27 अक्टूबर 2025 को रखी गई बैठक में देवस्थान विभाग के कमिश्नर श्री कन्हैयालाल स्वामी ,उप शासन सचिव श्री आलोक सैनी सहायक आयुक्त देवस्थान श्री रतन लाल योगी ,गोपालन विभाग से निदेशक श्री पंकज ओझा, श्रीमती शालिनी शर्मा वरिष्ठ लेखाधिकारी, पशुपालन विभाग के अधिकारी संयुक्त शासन सचिव श्री दिनेश कुमार जांगिड़ तथा डॉक्टर श्री पुरुषोत्तम शर्मा, डॉक्टर श्री प्रवीण कौशिक भी उपस्थित थे, कोई भी शख्स चाहे तो सीधे इस बारे में उनसे सत्यता की जांच कर सकता है ।