रेलवे बोर्ड के सचिव ने विशेष अभियान 5.0 के दौरान हुई प्रगति और उपलब्धियों का जायजा लिया* *रेल मंत्रालय ने 78, अब451 स्वच्छता अभियान पूरे किए
*रेलवे बोर्ड के सचिव ने विशेष अभियान 5.0 के दौरान हुई प्रगति और उपलब्धियों का जायजा लिया*
*रेल मंत्रालय ने 78, अब451 स्वच्छता अभियान पूरे किए
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*विशेष अभियान 5.0 के तहत रेलवे अपनी पूर्ण उपलब्धि के करीब, अभियान के अंत तक शेष लक्ष्य पूरा करने के लिए तैयार*
*रेलवे ने 12 करोड़ वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया, 27,000 किलोमीटर पटरियों की सफाई की, 520 टन प्लास्टिक कचरा हटाया और जागरूकता अभियानों के माध्यम से हजारों लोगों को शामिल किया।*
*लगभग 1500 ट्रेनों में व्यापक सफाई और औचक निरीक्षण किए गए*
*363 स्टेशनों पर "कचरे से कला" सेल्फी पॉइंट बनाए गए*
रेलवे बोर्ड की सचिव सुश्री अरुणा नायर की अध्यक्षता में आज एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें 2 से 31 अक्टूबर, 2025 तक चलाए गए विशेष अभियान 5.0 के दौरान हुई प्रगति और उपलब्धियों का जायजा लिया गया। इस अभियान का उद्देश्य कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों में स्वच्छता सुनिश्चित करना और लंबित मामलों का निपटारा करना है।
75,000 स्वच्छता अभियानों के लक्ष्य के मुकाबले, रेलवे ने लक्ष्य से बढ़कर 78,451 स्वच्छता अभियान पूरे किए हैं। 1,000 से ज़्यादा सांसदों के अनुरोधों का निपटारा लक्ष्य से ज़्यादा किया गया है। 2.75 लाख शिकायतों के निपटारे के लक्ष्य में से, रेलवे ने 2.48 लाख से ज़्यादा शिकायतों का निपटारा कर दिया है। रेल मंत्रालय ने लंबित मामलों के निपटान के लिए विशेष अभियान (एससीपीडीएम) 5.0 के ज़्यादातर पहलुओं में लगभग 100% लक्ष्य हासिल कर लिया है और अभियान के अंत तक शेष लक्ष्य भी पूरे होने की उम्मीद है।
रेलवे बोर्ड की सचिव ने रेल भवन का दौरा किया और स्वच्छता का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों की पूरी टीम की सराहना की और इच्छा व्यक्त की कि संबंधित अधिकारी 31 अक्टूबर, 2025 को अभियान के अंत तक शेष लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयास करें।
अन्य प्रमुख क्षेत्रों के अलावा, भारतीय रेलवे ने स्वच्छता पर विशेष जोर दिया है, जिसका उद्देश्य स्वच्छता, पर्यावरणीय स्थिरता और रेलवे कर्मचारियों, यात्रियों और आम जनता के बीच जन जागरूकता को बढ़ावा देना है। इस पहल का उद्देश्य रेलवे स्टेशनों, कार्यालयों, कॉलोनियों और कार्यशालाओं में स्वच्छता के उच्च मानकों को बनाए रखना है, साथ ही कर्मचारियों और यात्रियों को स्वच्छता गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल करना है।
इसका उद्देश्य एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के उपयोग को हतोत्साहित करना और वृक्षारोपण अभियानों तथा जागरूकता अभियानों के माध्यम से पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा देना है, जिससे स्वच्छ और हरित पर्यावरण के प्रति भारतीय रेलवे की प्रतिबद्धता और सुदृढ़ होगी।
भारतीय रेलवे ने अपने पूरे नेटवर्क में व्यापक स्वच्छता पहल की है और स्वच्छता अभियान के तहत उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त किए हैं। स्टेशनों, कार्यालयों और कॉलोनियों में कुल 78,451 स्वच्छता अभियान चलाए गए।
वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मार्ग में पड़ने वाले स्टेशनों और प्रारंभिक कोच डिपो पर व्यापक सफ़ाई और औचक निरीक्षण के माध्यम से लगभग 1,500 ट्रेनों का निरीक्षण किया गया। इसके अतिरिक्त, 2,500 कूड़ा-कचरा विरोधी अभियान चलाए गए, जिसके दौरान 76,444 व्यक्तियों को स्वच्छता बनाए रखने के बारे में परामर्श दिया गया।
जागरूकता फैलाने के लिए, 1,646 स्वच्छता वेबिनार और सेमिनार आयोजित किए गए, जिनमें 37,700 प्रतिभागियों ने भाग लिया और विभिन्न स्थानों पर स्वच्छता पर 451 नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए गए। रेलवे प्रतिष्ठानों और कार्यालयों से 520 टन प्लास्टिक कचरा हटाया गया, जबकि सफाई अभियान में लगभग 12,10,20,000 वर्ग मीटर क्षेत्र और 20,64,000 मीटर नालियों की सफ़ाई की गई। इसके अलावा, अभियान के दौरान लगभग 27,000 किलोमीटर लंबी पटरियों की सफ़ाई की गई।
जनभागीदारी एक प्रमुख आकर्षण रही, जिसमें लगभग 1,25,000 व्यक्तियों ने श्रमदान गतिविधियों में योगदान दिया और पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए 1,20,000 पौधे लगाए गए। स्वच्छ नीर पहल के तहत, 3,150 स्थानों पर 11,300 जल-बूथों की सफाई की गई, जबकि स्वच्छ आहार अभियान के तहत 1,800 स्थानों पर 4,000 खाद्य स्टॉलों की सफाई की गई।
कचरा प्रबंधन को और मजबूत करने के लिए, रेलवे परिसर में 8,400 कूड़ेदान लगाए गए और 363 स्टेशनों पर “कचरे से कला” सेल्फी प्वाइंट बनाए गए, जिससे बेकार पड़ी सामग्री को रचनात्मकता और स्वच्छता के प्रतीक में बदल दिया गया।


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