पशु पालन विभाग की चतुराई रोकड़ वही नज़र आई

 पशु पालन विभाग की चतुराई रोकड़ वही नज़र आई


-- कैलाश चंद्र कौशिक

जयपुर। सवाई माधोपुर अधिनस्थ पशु औषधालय हुआ था, पशु चिकित्सालय, बालेर। 

रोकड़ वही में ऐसा क्या हुआ कि रघुवीर सिंह, जलधारी की सदेव उपस्थिति प्रमाणित होकर जाती रही हैं। मजरा क्या हुआ है? आर. टी .आई.प्रमाणित डिस्पेच क्रमांक 173/30-01-1993 और 203/24-01-1993 स्व: प्रमाणित हैं। 

वेतन और पदस्थापन कँहा से ड्रा कर भुगतान किया जाता रहा है?? पूर्व के भुगतान भी हुए हैं। , हाजरियाँ कँहा जाती थी और पदस्थापन बालेर ही था। कब इन्होंने मिली भगत कर घोटाला किया है? आश्चर्य ही नहीं ऐसा किया गया है तो पावर का दुरूपयोग किया गया था।

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