भौतिकतावादी समाज पर व्यंग नाटक ‘‘आखिर एक दिन’’ का मंचन

 भौतिकतावादी समाज पर व्यंग नाटक ‘‘आखिर एक दिन’’ का मंचन 



   उदयपुर।भारतीय लोक कला मण्डल एवं दि परफोरमर्स कल्चरल सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किये जा रहे पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह में प्रसिद्ध लेखक जयवर्धन द्वारा लिखित एवं उदयपुर के युवा अभिनेता एवं नाट्य निर्देशक कविराज लईक द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘आखिर एक दिन’’ की शानदार प्रस्तुति हुई।


नाटक ‘‘आखिर एक दिन’’ वर्तमान भौतिकवादी समाज पर एक गहरा व्यंग है, जिसमें रचना (एक कवित्रि) का विवाह एक 5वीं पास दुकानदार के बेटे गणेश से हो जाता है, पुरानी सोच समझ वाले इस रूड़ीवादी परिवार में दहेज नही मिलने के कारण गणेश के पिता कैलाशनाथ एवं माता पार्वती दुखी होते है।

रचना के कविता लिखने के कारण गणेश भी उसके माता पिता को पता नही चले इस कारण कविता फाड़ कर फेंक देता है परन्तु प्रसिद्धि पाने कि लालसा में वह रचना से कविता पाठ सीख कर कवि सम्मेलनों में भाग लेने लगता है जहाँ उसे बहुत प्रसिद्धि मिलती है, परन्तु गणेश रचना का अहसान मानने के बदले उसे अपनी जायदाद मानकर उसे आदेश देता रहता है, रचना अन्दर ही अन्दर घुटने लगती है, एक दिन पता चलता है कि गणेश रचना कि कविताओं का एक संग्रह अपने नाम से छपवा रहा है, रचना कोई प्रतिकार नही करती, उसकी तबीयत ज़्यादा खराब रहने लगती है, और एक दिन उसकी मृत्यु हो जाती है,

रचना कि मृत्यु के बाद गणेश को नई कविताएं नही मिलती है, इस कारण वह परेशान होकर कविता पाठ से सन्यास ले लेता है, तथा पश्ताप में कविता संग्रह पर अपने बदले रचना का नाम छापने को कहता है।

नाटक में गणेश-राम गोदारा, कैलाशनाथ- दिव्यांशु नागदा, पार्वती-पायल मेनारिया, रचना-शिवांगी तिवारी, मामा-प्रग्नेश पंड्या, खन्ना-सुधांशु आड़ा, अधिकारी-प्रखर भट्ट, प्रकाशक- भवदीप जैन, वेश भूषा- अनुकम्पा लईक, प्रकाश व्यवस्था-सय्यद आरिफ, संगीत - विधि शुक्ला, श्रृंगार- प्रग्नेश पंड्या, सामग्री-हुसैन आर.सी., मंच परिकल्पना- प्रबुद्ध पाण्डे एवं मंच व्यवस्थापक - शिप्रा चटर्जी, राकेश देवड़ा ने की है।


भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डाॅ. लईक हुसैन ने बताया कि यह कार्यक्रम उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला एवं राजस्थान स्टेट माईन्स एण्ड मिनरल्स लिमिटेड, उदयपुर के सहयोग से किया गया है। 28 फरवरी 2024 पद्मश्री देवीलाल सामर स्मृति राष्ट्रीय नाट्य समारोह के समापन दिवस पर प्रातः 10.30 बजे प्रबुद्ध पांडे द्वारा निर्देशित नाटक ‘‘वसुघैव कुटुम्बकम’’ का मंचन दि परफोरमर्स संस्था उदयपुर द्वारा किया जाएगा।

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