राजस्थान में सर्विस प्रकरणों के निस्तारण में बेतहाशा देरी क्यों

 राजस्थान में सर्विस प्रकरणों के निस्तारण में बेतहाशा देरी क्यों


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कैलाश चंद्र कौशिक

जयपुर! राजकोष पर श्रम और भुगतान का बेतहाशा विभागीय अनियमित दोष पूर्ण कार्य शैली का बर्षों से एक स्थान पर जमे भृष्टाचारिओं द्वारा रचित षड्यंत्र चलाया जाता रहा है! 

जबरन स्वेच्छा अनुपस्थिती, स्वछंद अधिकारीयों के बंद वलय मनोनुकूल निर्णय के लिये फ़र्ज़ी प्रकरण बनाये जाते रहे हैं! 

उनको विभागों में बर्षों से जमे ऑफिसर केस प्रभारी, एक ही स्थान पर जयपुर में करोड़ों के वेतन भत्ते उठाते रहे हैं, कोई केस बिना लिए- दिये निस्तरित नहीं होते हैं! पशु पालन विभाग पर तो कोई नज़र ही नहीं जाती है, यह ऐसे कुषाग्र हैं! 

इससे पेंडेंसी स्टेटिक्स बढ़ती है, 

औऔर आगामी बजट मिलता रहता है, राज्य सरकार पर बोझ है और इसमे एक कदम आगे पेनल लायर भी शामिल होते हैं, 

उच्च न्यायालय की भी मनोदशा

अंकल जजस् की एसी ही है! 

स्थानीय जजस् का एक जगह प्रदेश में जमावड़ा घातक रहा है! 

सभी न्यायलयों में 10-12 वर्षों तक सुनबाई का अधिकार अपील कर्ता को जान बूझ कर नहीं दिया जाता है, प्रकरण अन्याय में परिवर्तित हो जाता है! 

नवीन राज्य सरकार सुधार व्यवस्था देगी??

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