उदयपुर ने फिर रचा इतिहास, “सिटी विद द बेस्ट नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट सिस्टम” का खिताब जीता
उदयपुर ने फिर रचा इतिहास, “सिटी विद द बेस्ट नॉन-मोटराइज्ड ट्रांसपोर्ट सिस्टम” का खिताब जीता
अर्बन मोबिलिटी इंडिया कॉन्फ्रेंस 2025 में राजस्थान की उपलब्धि पर देश को गर्व
उदयपुर संवाददाता जनतंत्र की आवाज। राजस्थान ने एक बार फिर देशभर में अपनी श्रेष्ठता का परचम फहराया है। अर्बन मोबिलिटी इंडिया कॉन्फ्रेंस एवं एक्सपो 2025 में उदयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को “City with the Best Non-Motorized Transport System” श्रेणी में Award of Excellence in Urban Transport से सम्मानित किया गया। यह उपलब्धि न केवल उदयपुर के लिए बल्कि पूरे राजस्थान के लिए गर्व का क्षण बनी।
इस सम्मान को केंद्रीय शहरी विकास मंत्री माननीय श्री मनोहर लाल खट्टर एवं राज्य मंत्री माननीय श्री तोखन साहू की गरिमामयी उपस्थिति में प्रदान किया गया। राजस्थान सरकार की ओर से यह पुरस्कार प्राप्त करते हुए राज्य के नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री माननीय श्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि “यह सम्मान राजस्थान के सतत, हरित और जनमित्र शहरी विकास के सामूहिक प्रयासों की पहचान है, जिसे मैं पूरे विभाग और टीम को समर्पित करता हूँ।”
उदयपुर ने स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत शहरी परिवहन को अधिक सुलभ, पर्यावरण-अनुकूल और नागरिक-केंद्रित बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कदम उठाए हैं। फतहसागर झील, हिरण मगरी और बलिचा स्मार्ट रोड जैसे क्षेत्रों में 14.5 किलोमीटर लंबे साइक्लिंग ट्रैक्स, शहरभर में डॉकिंग यार्ड्स और 400 सार्वजनिक साइकिलों की सुविधा ने उदयपुर को देश के अग्रणी हरित शहरों में स्थान दिलाया है।
यह उपलब्धि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार की नीतिगत दूरदृष्टि और नवाचार-आधारित विकास दृष्टिकोण का परिणाम है। मंत्री श्री खर्रा ने कहा कि “जब शासन की सोच में पारदर्शिता, नीति में दूरदृष्टि और कार्य में जनसहभागिता होती है, तब विकास केवल योजनाओं तक सीमित नहीं रहता, वह जीवनशैली बन जाता है।”
आज उदयपुर केवल एक पर्यटन नगरी नहीं, बल्कि “स्मार्ट विज़न, स्वच्छ परिवेश और सतत विकास” का प्रेरणादायी उदाहरण बन चुका है। यह सफलता हर उस नागरिक की है जो एक हरित, संगठित और विकसित राजस्थान के निर्माण में अपनी भूमिका निभा रहा है।
इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ राजस्थान ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि यदि नीयत स्पष्ट हो और लक्ष्य विकास का हो, तो परिवर्तन केवल संभव नहीं — अवश्यम्भावी है।

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